दिल्ली : “ऑपरेशन गंगा” में काम करना मेरे लिए गर्व का विषय…24 साल की इस पायलट ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से 800 से अधिक भारतीयों को निकाला

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दिल्ली : भारत की एक पायलट ने ऑपरेशन गंगा के तहत 800 से अधिक छात्रों को रेस्क्यू कर अपने देश ले कर आयी. नाम है महाश्वेता चक्रवर्ती. ऑपरेशन गंगा की सदस्य रही है महाश्वेता.इस बीच कुल 6 उड़ाने भरी. इनमें दो उड़ाने हंगरी से थी और चार पोलैंड से थी. सभी छात्र उक्रेन में फंसे हुए थे युद्ध के बीच. चक्रवर्ती ने बताया यह उनके जीवन के लिए सबसे बड़ा अनुभव था और गर्व भी हो रहा था ऐसे मिशन में शामिल होने पर. युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे अपने देश के लोगों को निकालना चुनौतीपूर्ण काम था, जिसे हमने पूरी शिद्दत के साथ अंजाम दिया। ऐसे छात्र जो किशोरावस्था में थे, कुछ बीस साल के थे। इनमें से कई बीमार थे जो जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे। मैं उनके इस संघर्ष की भावना को सलाम करती हूं।आपको बता दें भारत ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने के लिए 77 फ्लाइट्स चलाईं। इनमें से अधिकांश एअर इंडिया की थीं। भारतीय वायुसेना के साथ ही इंडिगो, स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस ने भी इस ऑपरेशन में फ्लाइट्स ऑपरेट कीं। मोदी सरकार ने अपने चार मंत्रियों को ऑपरेशन गंगा में लगाया था. महाश्वेता ऑपरेशन के बारे में बताती हैं कि मुझे देर रात एक कॉल आया और बताया गया कि एयलाइन कंपनी ने मुझे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए चुना है। मैंने दो घंटों में पैकिंग की और घर से निकल गई। मैंने इस्तांबुल के लिए उड़ान भरी। यह पोलैंड से ढाई घंटे की दूरी पर है, जहां हमें रेस्क्यू ऑपरेशन को ऑपरेट करने की बारे में दिशा-निर्देश दिए गए। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से ग्रेजुएट पायलट महाश्वेता का कहना है कि दिन में 13-14 घंटे एयरबस ए 320 में उड़ान भरने के बाद मेरी खुद की शारीरिक थकान शायद ही समझ आ रही थी, क्योंकि हमारे साथ जो छात्र थे, वे दहशत के माहौल से वापस आए थे।

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