दिल्ली : सहारा इंडिया में जमा पैसे वापस मिलेंगे लोगों को…गृह मंत्री अमित शाह 18 जुलाई को लॉन्च करेंगे ‘सहारा रिफंड पोर्टल’

जिनका समय पूरा हो चुका है उनको वापस मिलेगा पैसा, केंद्र सरकार की बड़ी पहल, 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही कर सकेंगे आवेदन

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दिल्ली : लोगों के लिए अच्छी खबर है. सहारा इंडिया में काफी लोगों का पैसा फंसा हुआ है. ऐसे में वह वापस मिलने वाला है. जी हाँ यह सच है. इसके लिए केंद्र सरकार बड़ी पहल करने जा रही है. अब सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में आज ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च करेंगे.

मंगलवार सुबह 11:00 बजे अटल ऊर्जा भवन में इस पोर्टल की शुरुआत होगी. पोर्टल के जरिए सहारा के उन निवेशकों के पैसे वापस दिए जाएंगे जिनके निवेश की अवधि यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है.इसमें उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश के राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. खास बात यह है गाँवों में खास तौर पहुँच थी सहारा की. आम दुकानदार से लेकर घर तक कलेक्शन करते थे एजेंट. सुब्रत रॉय पर सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था. इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था. तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है.

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आपको बता दें, सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं. पैसे वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी. खास बात यह है जो पोर्टल लांच होगा उसमें सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स की डिटेल्स होंगी यानी जिन्होंने पैसा लगाया था या जमा किया था. यह जानकारी भी होगी कि सहारा में निवेश किए गए पैसों को कैसे वापस पाया जा सकता है. ताकि लोगों को इधर उधर न भटकना पड़े. सहारा के इस तरह के प्लान हैं, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैं. सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों या जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।

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डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है. इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे.सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी, जिसके 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। 11 सालों तक यह ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा.

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