देहरादून : “सिलबट्टे का कारोबार” आधुनिकता की चकाचौंध के सामने अपनी पहचान खोता जा रहा है, पत्थरों के इन कारीगरों की रोजी रोटी पर मंडरा रहा है खतरा

सिलबट्टों से मिलता है भोजन में चटकारे भरा स्वाद, स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है सिलबट्टे का उपयोग

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  • विशेषज्ञों ने भी माना सिलबट्टे का उपयोग देगा सेहत को लाभ
  • सिलबट्टे के पिसे मसालों में मिलते है पौष्टिक तत्व

सुफियान अल्वी की रिपोर्ट-

देहरादून : भोजन में चटकारे भरा स्वाद बिना मसालों के नहीं आ सकता, और वो मसाले अगर सिलबट्टे पर पिसे हों तो फिर स्वादिष्ट भोजन तो बनेगा ही साथ ही आपकी सेहत को भी नुकसान नहीं होगा, बल्कि पौष्टिक तत्व भी आपके स्वाद के साथ आपके भोजन में आपको मिलेंगे, पत्थरों को तराश कर आपके स्वाद और सेहत का ध्यान रखने वाले कारीगर आज आधुनिकता की चकाचौंध के सामने अपनी पहचान खोते जा रहे हैं, आखिर क्यों पत्थरों के इन कारीगरों की रोजी रोटी पर मंडरा रहा है खतरा और कैसे अपनी धरोहर को बचाने की जुगत में लगा है पूरा समाज. लजीज भोजन की चाह हर किसी को होती है और उस भोजन में यदि आपकी सेहत का भी ख्याल हो तो इससे बेहतर और आपके लिए क्या हो सकता है, लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध और समय की व्यस्तता ने हर किसी को इस आसानी से काम करने वाली मशीनों ने घेर लिया है, जिसके चलते सेहत से खिलवाड़ हो रहा है, साथ ही ना वो स्वाद भोजन में मिल पता है जिसकी हमें चाह है, दरअसल हम बात कर रहे हैं सिलबट्टे पर पिसे मसालों के स्वाद की, चाहे सिलबट्टे पर पिसी चटनी का स्वाद हो या फीर भोजन के लिए पिसे गये मसाले हो निश्चित तौर पर उसका स्वाद ही आपको चटकारे लेने पर विवश कर देगा, लेकिन मजेदार बात तो ये है कि सिलबट्टे पर पीसे मसाले आपकी सेहत के लिए भी लाभदायक है, क्योंकि पिसे मसाले आपको क्या कुछ और पौष्टिक तत्व दे सकते हैं ये सुनकर तो आप भी हैरान रह जाएंगे, और मिक्सी पर पीसे मसाले क्या कुछ नुकसान कर रहे आपकी सेहत से ये सुनकर भी आप दंग रह जाएंगे जब इस सम्बन्ध में हमने डाक्टर मो० सैय्यद से बात की तो उन्होंने बताया की प्राचीन समय से हमारे यहां जो भी मसाले रिश्ते थे सिलबट्टे पर पीस थे थे अब आधुनिक युग में मिक्सी आ गई हैं और सभी लोग मिक्सी पर मसाले पीसकर खाना बनाते हैं मिक्सी में ब्रेड लगे होते हैं ब्रेड से मसाले कटते हैं जिससे हमारे मसालों के न्यूडल्स डैमेज हो जाते   जिस कारण खाना पचने में दिक्कत होती है.  अगर सिलबट्टे पर मसाले पीस है और खाने में इस्तेमाल करें तो हमें न्यूडल्स और भी जारी मिल जाते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है अगर हम पहले की तरह सिलबर्ट ऊपर मसाला पीस कर इस्तेमाल करें तो हमारी सेहत के लिए वास्तव में वरदान साबित हो सकते हैं. वहीं अगर बात करें इन कारीगरों के दर्द की तो इनके अनुसार पहले मांग अधिक थी तो इनके हुनर के चलते इनका परिवार का गुजर बसर हो जाता था, लेकिन मांग कम होने के चलते अब ये कारीगर भुखमरी की कगार पर पहुंच गये है, सदियों से मेले में भी पत्थरों का बाजार लगता रहा है, लेकिन अब सिलबट्टों की बिक्री कम होने से मेले में पत्थरों के बाजार की रौनक भी कम हो गयी है।

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मशीनी दौर में समय की बचत पर तो हमने ध्यान दे दिया लेकिन सेहत को लेकर हम उतने ही लापरवाह हो गये, और जिन पौष्टिक तत्वों की हमारे शरीर को जरुरत थी वो हमारे शरीर से दूर होते चले गये, लिहाजा इसके एवज में हमको मिली तो बीमारियां, जिसने हमको जकड़ लिया है, लेकिन आज भी अगर हम अपनी सेहत के प्रति सचेत होकर पुरानी वस्तुओं से भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें तो निश्चित तौर पर स्वस्थ शरीर के साथ ही बीमारियों को भी अलविदा कर सकते हैं, साथ ही वो पुरानी धरोहर भी संजोये रख सकते है जो विलुप्त हो रही है।

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