देहरादून : मातृत्व अवकाश नहीं मिलने की शिकायत पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने सीएम धामी से मुलाकात, मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट में संशोधन की मांग

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देहरादून : उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने मंगलवार को विधानसभा में सत्र के प्रथम दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।महिलाओं से जुड़े गंभीर विषय पर उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने गंभीर विषय मातृत्व अवकाश को लेकर चर्चा की।

“उन्होंने बताया कि “कुछ महिला कर्मचारीयों द्वारा प्राप्त पत्रों से उनको ज्ञात हुआ है कि अतिथि शिक्षक, संविदाकर्मी, होमगार्ड्स एजेंसियो आदि में कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ नही मिल रहा है। जबकि उपरोक्त कार्मिक महिलाओं को भी सरकारी विभागों में कार्यरत महिलाओं की भांति मातृत्व अवकाश, गर्भपात अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश का लाभ स वेतन दिया जाना चाहिए। यह अत्यंत आवश्यक व न्यायोचित है। क्योंकि सरकारी या गैर सरकारी विभागों में भी इस प्रकार की महिलाओं जो की आउटसोर्स एजेंसी, संविदा पर कार्यरत महिला कार्मिक या अन्य कार्यालयों में कार्यरत हैं।”

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“अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि आपकी महिलाओं के प्रति सदैव उदारवादी व सकारात्मक सोच रही है अतः आप इन सब तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट में संशोधन द्वारा इन महिलाओं को भी स्थान दिया जाना आवश्यक है। बदलते दौर में संयुक्त परिवारों में बिखराव की वजह से नवजात शिशुओं को संभालने के लिए माताओं को अधिक समय चाहिए। इसके साथ ही बीते दशकों में महिलाओं ने परिवार के आर्थिक उत्तरदायित्वों को साझा करने की जिम्मेदारी उठाई है। हमारे यहां मातृत्व अवकाश के संदर्भ में सरकारी और निजी उपक्रमों में एक जैसे नियम की जरूरत है, ताकि महिला कर्मचारियों पर दबाव न बन सके और उनको मातृत्व व अन्य अवकाश का हक भी मिल सके।”

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“उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र सौपते हुए कहा कि आप सदैव महिलाओं के हितों को ध्यान में रख कर कार्य करतें है और इसी आशय से इन महिलाओं के पक्ष में आयोग के द्वारा यह निवेदन किया गया है की आप इस संदर्भ में महिला हितों व अधिकारों को ध्यान में रखते हुए मातृत्व अवकाश, गर्भपात अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश के स:वेतन लाभ हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आशा है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही निर्णय लेंगे तथा प्रदेश की सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा।”

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