देहरादून : प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा आएंगे उत्तराखंड !मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में हो सकते हैं शामिल

देहरादून : हालाँकि, अभी मुख्यमंत्री कौन होगा इसकी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा जेपी नड्डा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. इस बार मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह काफी खास होने वाला है क्योँकि लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत से भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सरकार बना रही है.इससे पहले ऐसा नहीं हुआ है कोई एक पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बना रही हो.
राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़ी राजनैतिक हस्तियां नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की भी संभावना है। कहा कि भाजपा की ओर से शपथ ग्रहण समारोह को बहुत ही खास अंदाज से मनाया जाएगा.
विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के प्रचंड बहुमत के बाद नई सरकार के गठन की तैयारियां भी जोरों पर है. खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी के हारने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री की तलाश में जुट गया है. मुख्यमंत्री नाम का ऐलान करने से पहले भाजपा ने विधायक दल की बैठक भी बुलाई है. माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों के नाम पर मुहर लगेगी. प्रचंड बहुमत के बाद मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा के पास तीन-तीन विकल्प मौजूद हैं. पहले विकल्प में विधायकों में से ही किसी को सीएम पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है. दूसरे विकल्प में सीएम पुष्कर सिंह धामी पर दोबारा भरोसा जताया जा सकता है जबकि, तीसरे विकल्प में गैर-विधायक सांसद के हाथों में उत्तराखंड की कमान सौंपी जा सकती है.
उत्तराखंड में पिछले पांच सालों में तीन-तीन मुख्यमंत्री देने पर भाजपा की काफी किरकरी भी हुई है. ऐसे में अब,भाजपा हाईकमान बहुत सोच-समझकर ही मुख्यमंत्री का चयन करेगा क्योँकि मुख्य टारगेट अब पार्टी का दो साल बाद लोकसभा चुनाव का होना है. उसके लिए कौन कसौटी पर उतर पायेगा यह देखने वाली बात होगी. आम जन धारणा और सर्वोच्च नेताओं की पसंद धामी को माना जा रहा है. अब देखना होगा ऊंट किस करवट बैठता है ?