देहरादून : पंजाब के बाद अब उत्तराखंड में भी वोटिंग डेट बदलने की मांग, विधायक ने भी लिखी चुनाव आयोग को चिट्ठी
देहरादून. उत्तराखंड में 14 फ़रवरी को चुनाव हैं. लेकिन हरिद्वार क्षेत्र के झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और मांग की है चुनाव 14 फ़रवरी को मतदान का दिन सही नहीं है और इसे बदला जाए. पंजाब में सीएम चन्नी समेत सभी राजनीतिक दलों ने मांग की थी वहां पर अब चुनाव 20 फ़रवरी को होगा. 14 फ़रवरी को रविदास जयंती है. ऐसे में काफी श्रद्धालु हैं जो मंदिरों में जाएंगे. अब उत्तराखंड में भी ये मांग तेज़ी से उठने लगी है. हरिद्वार के झबरेड़ा से बीजेपी विधायक देशराज कर्णवाल ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर यह मांग की है. इसके अलावा कुछ और नेता व सामाजिक कार्यकर्ता भी ऐसी मांग कर रहे हैं.
विधायक देशराज कर्णवाल का कहना है कि उत्तराखंड में भी रविदास जयंती पर बड़ी संख्या में लोग वाराणसी जाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं खुद हर साल वाराणसी जाता हूं, लेकिन 14 फरवरी को मतदान की तारीख होने के कारण यह संभव नहीं हो सकेगा. कर्णवाल ने मांग की है कि पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी मतदान की तारीख आगे बढ़ाने पर विचार किया जाए. दूसरी ओर समाज के विभिन्न वर्गों से भी अलग-अलग वजहों से मतदान की तिथि आगे बढ़ाने की मांग उठ रही है. इन कारणों में सबसे प्रमुख कारण मौसम उभरकर सामने आ रहा है, तो पलायन को लेकर भी एक चिंता है.
इससे पहले चुनाव का रिकॉर्ड देखा जाए तो उत्तराखंड में जनवरी या फरवरी मध्य में ही मतदान हुआ है. 2002 में जब उत्तराखंड में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था, तब भी 14 फरवरी को मतदान हुआ था. 2007 के विधानसभा चुनाव में 21 फरवरी, 2012 में 30 जनवरी और 2017 में 15 फरवरी को मतदान हुआ था. चारों चुनाव में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से ऊपर रहा. 2012 में जब 30 जनवरी को मतदान हुआ था, तब राज्य में अब तक का सर्वाधिक 66.17 फीसदी मतदान हुआ था.