नहीं बाज आ रहा है चीन…आखिरी भारतीय पत्रकार को चीन छोड़ने के आदेश
दिल्ली/देहरादून : (मनोज रौतेला) चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब भारतीय पत्रकारों पर अपनी हरकतें आजमा आ रहा है. आपको बता दें, चीन में काम करने वाला आखिरी भारतीय पत्रकार इस महीने देश छोड़ देगा. क्योंकि बीजिंग ने उसका वीजा नहीं बढ़ाया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि चीनी पत्रकारों के वीजा को 2020 से भारत द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 14 से केवल एक चीनी संवाददाता अब भारत में काम कर रहा है. जबकि भारत का कहना है भारत में चीनी पत्रकारों को कोई समस्या नहीं होती है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि चीनी पत्रकारों के वीजा को 2020 से भारत द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 14 में से केवल एक चीनी संवाददाता अब भारत में काम कर रहा है. वहीँ दूसरी तरफ, भारतीय दो पत्रकारों में से एक पत्रकार ने 11 जून को चीन छोड़ दिया था. क्योंकि उसका वीजा समाप्त हो गया था और अंतिम भारतीय रिपोर्टर जून के अंत तक निकल जाएगा. इसके साथ, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भारत की मीडिया एक तरह से उपस्थिति शून्य हो जाएगी. आप अंदाजा लगा सकते हैं कैसे खबरें बाहर आएँगी ?चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत में चीनी पत्रकारों के साथ गलत व्यवहार किया गया, उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत देश से आधे रास्ते में मिल जाएगा।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में वांग के हवाले से कहा गया है, हाल के वर्षों में, भारत में चीनी पत्रकारों को अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवस्था दी गई है।उन्होंने दावा किया कि चीनी पत्रकारों के वीजा को 2020 से भारत द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 14 से केवल एक चीनी संवाददाता की गिरावट आई है। दूसरी तरफ भारत का कहना है कि चीनी पत्रकार बिना किसी कठिनाई के काम कर रहे हैं हमारे यहाँ. चीन के पत्रकारों के भारत में “अनुचित” व्यवहार किए जाने के चीन के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत सरकार ने कहा कि चीनी पत्रकार बिना किसी कठिनाई के देश में काम कर रहे थे, लेकिन चीन में भारतीय पत्रकारों के लिए ऐसा नहीं था, यह ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है।इससे पहले हिंदुस्तान टाइम्स, प्रसार भर्ती और द हिन्दू के रिपोर्टर पहले ही चीन छोड़ चुके हैं.
पिछले महीने, भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में जाने वाले चीनी पत्रकारों के अस्थायी वीजा को मंजूरी दी थी रॉयटर्स ने बताया।भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सभी विदेशी पत्रकारों को देश में काम करने की अनुमति दी है, और कहा कि उम्मीद है कि चीन भी भारतीय पत्रकारों को वहां अनुमति देगा।चीन में भारतीय पत्रकारों को स्थानीय लोगों को संवादलाता नियुक्त करने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में भारत का कहना था भारतीय पत्रकार वहां पर मुश्किल में काम कर रहे थे. दरअसल मामला तब बिगड़ा जब भारतीय पत्रकारों ने स्थानीय लोगों को ऐसिटेंट के तौर पर रखना शुरू किया. सूत्रों के अनुसार ऐसे में एक बार में तीन ही लोग नियुक्त करने की अनुमति थी. वह भी चीनी अधिकारियों के नजरों से गुजरना पड़ता था. जबकि भारत में इस तरह की पाबन्दी नहीं है. आपको बता दें, गलवान की घटना के बाद दोनों देशों के संबधों में खटास आनी शुरू हो गयी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवकत अरिंदम बागची का कहना था भारत हमेशा विदेशी पत्रकारों के समर्थन में रहता है. यहाँ पर सुविधाएँ भी देता है उनको. हायर करने के मामले में हमारे यहाँ कोई समस्या नहीं है यहाँ पर हायर कर सकता है.