घने कोहरे को चीरते हुए ऋषिकेश में गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3.0 में दौड़े देश विदेश के हजारों धावक

- लगभग 2000 धावक दौड़े रविवार सुबह ऋषिकेश में गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3.0 के अंतर्गत
- रविवार को विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन के संस्थापक डॉ राजेश सर्वज्ञ के नेतृत्व में हुआ कार्यक्रम आयोजित
- तीसरी बार यह मैराथन आयोजित की गयी है ऋषिकेश में जिसका मूल उद्देश्य गंगा की निर्मलता ,पावनता, सुचिता तथा अविरलता को बनाए रखना है
- विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन, नमामि गंगे और परमार्थ निकेतन गंगा एक्शन परिवार ने संयुक्त रूप से आयोजित की दौड़
- मूल उद्देश्य गंगा की निर्मलता, पावनता, सुचिता तथा अविरलता को बनाए रखना है तथा देश की समस्त सहायक नदियों को भी स्वच्छ रखना है : डॉक्टर राजेश सर्वज्ञ
- पशुलोक बैराज से परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि और राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर दौड़ को रवाना किया


ऐसा लग रहा था सारा ऋषिकेश दौड़ रहा है. राजा जी नेशनल पार्क के अन्दर से धावक दौड़ रहे थे ऐसा लग रहा है देश दौड़ रहा है. डॉक्टर राजेश ने बताया कि इसमें विजेता प्रतिभागियों को 5 लाख तक ऊपर के परितोषित (ईनाम) दिए गए. इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी धावक प्रतिभाग़ करने आये हैं. जिनकी संपूर्ण व्यवस्था फाउंडेशन की है यात्रा मार्ग में सभी के लिए उचित पानी, एनर्जी ड्रिंक फ्रूट्स आदि की व्यवस्था की गयी थी. मेडिकल टीम अलग से थी. जिससे किसी भी धावक को कोई परेशानी ना हो तथा उनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखे गए, जिसमें चार एंबुलेंस लगातार प्रतिभागियों के साथ मार्ग पर साथ थी. लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा हमारे वॉलिंटियर पूरी मैराथन को मॉनिटरिंग करते रहे. धावकों के मनोरंजन हेतु संगीत की व्यवस्था भी की गयी थी. जुम्रबा डांस भी उनमें से एक था. इसकी सहयोगी संस्थाओं में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, वन विभाग राजाजी नेशनल पार्क, टी एच डी सी ऋषिकेश, डॉल्फिन इंटीटयूट आदि का सहयोग मिला. जहाँ तक केटेगरी की बात है, इसमें 50 किलोमीटर, 35 किलोमीटर, 21 किलोमीटर और 10 किलोमीटर थी. महिला और पुरुष दोनों के लिए यह प्रतियोगिता थी. . ईनाम केटेगरी के अनुसार अलग अलग दिए जायेंगे. साथ में जो भी दौड़ पूरी कर गया तय समय सीमा के अन्दर उसको भी सर्टिफिकेट दिया गया हाही. समय सुबह ६ बजे था समय पर हमने दौड़ शुरू की है. एम्स गेट नंबर 1 के आगे बैराज से दौड़ शुरू हुई .. नीलकंठ रोड होते हुए दिउली गाँव तक जाकर वापस हुई. फिर लक्ष्मण झूला रोड, जौंक रोड होते हुए जानकी सेतु परमार्थ निकेतन पर समाप्त हुई. यह सबसे लंबा ट्रैक था 50 किलोमीटर वाला. उसके बाद तीन ट्रैक जो 35, 21 और 10 किलोम्मीटर के थे. इस दौरान, स्वामी चिदानंद मुनि, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, THDC के अधिकारी, अन्तराष्ट्रीय धावक सुनीता गोदारा, ओम प्रकाश गुप्ता, मनोज कुमार गुप्ता व अन्य सैकड़ों लोग मौजूद रहे.
