हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम सहित पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, नायब सिंह सैनी बने हरियाणा के मुख्यमंत्री 

मनोहर लाल खट्टर  को करनाल से लोकसभा चुनाव लड़वा सकती भाजपा, नायब सिंह सैनी खट्टर के करीबी 

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चंडीगढ़ : आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की आहत के बाद बड़ा राजनीतिक फेरबदल हुआ है. मुख्यमंत्री के पद से मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया है. साथ में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा सौंप दिया है. अब नए मुख्यमंत्री बनाये गए हैं खट्टर के करीबी नायब सिंह सैनी. हालाँकि भाजपा सरकार को खतरा नहीं है. संख्या बल मजबूत है.

सोमवार को गुरुग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद शाम से ही चंडीगढ़ में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गईं। अक्तूबर-2019 से ही चल रहा भाजपा और जजपा गठबंधन भी लगभग टूट चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित पूरी कैबिनेट सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नयी दिल्ली से ही अपनी सरकारी गाड़ियों का काफिला और स्टाफ लौटा दिया है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है। सोमवार को दिल्ली पहुंचते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक की। उन्होंने मंत्रियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग भी की। बिजली व जेल मंत्री चौ. रणजीत सिंह के साथ भी मुख्यमंत्री ने अलग से मुलाकात करके गठबंधन और राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की। इसके बाद भाजपा के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे छह निर्दलीय विधायकों को भी आपातकाल में चंडीगढ़ बुलाया गया।

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हालांकि, भाजपा गलियारों में मुख्यमंत्री के इस्तीफ को लेकर अभी संशय बना रहा। कुछ लोगों का तर्क था कि मनोहर लाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे और पूरी कैबिनेट को बदला जाएगा। वहीं कुछ का कहना है कि गुजरात पैटर्न में हरियाणा में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट का नये सिरे से गठन होगा। राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी और करनाल सांसद संजय भाटिया का नाम चर्चाओं में था लेकिन नायब सिंह सैनी ने बाजी मार ली. अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बन गए हैं. 24 फीसदी जाट वोटर्स हैं राज्य में ऐसे में भाजपा ने गैर जाट फैक्टर चला है. अधिकतर देखा जाए तो जाट कांग्रेस, इनेलो, जजपा को प्रमुख तौर पर वोट देते आया है. ऐसे में ओबीसी मुख्यमंत्री देने से सन्देश भी दिया गया है. जाट अगर तीन जगह बंट भी जाता है तो ओबीसी वोट भाजपा के पास रहेगा. जिसे ओबीसी मुख्यमंत्री बनाकर उसने सन्देश दे भी दिया है. अन्य राज्यों के लिए भी यह सन्देश जायेगा.

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