हरिद्वार : सीएम धामी के काम और नीतियों पर जनता की लगी मुहर, भाजपा की ऐतिहासिक जीत
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हरिद्वार: जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व को जनता ने पूरे नंबर दे दिये है।
हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव परिणाम ऐतिहासिक रहे हैं भाजपा का दमदार प्रदर्शन रहा है अब तक इतिहास में भारतीय जनता पार्टी हरिद्वार में जिला पंचायत चुनाव में 4 से ज्यादा सीटों पर कभी नहीं जीत पाई थी इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 14 सीटों पर जीत दर्ज की है। वर्तमान हालात को देखते हुए भाजपा कई और सीटों पर भी जीत दर्ज कर सकती है।
आपको बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धर्म नगरी हरिद्वार व आसपास के क्षेत्रों में कई दौरे किए स्थानीय जनता ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेहनत और काम को सराहा ते हुए उन्हें एक तरह से यह नवरात्र का गिफ्ट दिया है और उसके साथ ही जनता ने मुख्यमंत्री धामी के काम और उनकी नीतियों पर भी मुहर लगा दी है।
प्रदेश में विधानसभा में बैक डोर भर्तियों का मामला हो या अंकिता हत्याकांड जैसा जघन्य अपराध होना और इस बीच चुनाव होना और चुनाव में परिणाम सत्ता पक्ष की तरफ आना इसका सीधा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जाता है। क्योंकि जितनी तेजी से उन्होंने फैसले लिए उसका लोगों ने स्वागत किया है।
पंचायत चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनकी बेटी जो कि वर्तमान में विधायक भी है कुछ खास नहीं कर पाए। विधायक अनुपमा रावत के क्षेत्र से चारों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई है। सबसे अधिक सीट पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद के क्षेत्र से मिली है भाजपा को यहां 7 सीटों पर रिकॉर्ड जीत मिली है। हालांकि खुद यतिस्वरानंद इस बार विधायक का चुनाव नहीं जीत पाए थे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काफी करीबी लोगों में जाने जाते हैं। लक्सर में भी भारतीय जनता पार्टी ने 3 सीटें जीती हैं। यहां पर एक सीट में कांग्रेस के संजय सैनी को जीत मिली है
जबकि रानीपुर की दोनों सीटों पर भाजपा ने विजय प्राप्त की है। रानीपुर से संबंध चौहान अपनी पत्नी को जीत दिलाने में कामयाब हुई है तो औरंगाबाद से भी भाजपा ने जीत दर्ज की है। हरिद्वार में पार्टी की इस जीत से पुष्कर सिंह धामी काफी मजबूत हुई है वही राजनीतिक पकड़ भी एक तरह से उनकी अब मजबूत हुई है आने वाले समय में इसका असर राज्य की राजनीति पर पड़ना लाजमी है।