बागेश्वर : अपने ही सरकार से सवाल…तीलू रौतेली पुरुष्कार चयन पर  उठाये सवाल भाजपा की पूर्व महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष  सविता नगरकोटी ने…विडियो देखिये

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  • भाजपा की पूर्व महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष ने तीलू रौतेली पुष्कार पर उठाएं सवाल
  • पुरूस्कार का नाम बदलने के दिए सुझाव…बागेश्वर जिले में पिछले 10 वर्षों से खेल के ही क्षेत्र में दिया गया हैं
  • अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुई भाजपा की महिला नेता सविता नगरकोटी…अपनों को रेवड़ी बांटने का भी लगाया आरोप
  • हैरानी की बात है बागेश्वर जनपद से पिछले 10 साल में एक भी चयन नहीं हुआ ? सिर्फ खेल के लिए दिया जाता है पुरुष्कार 
बागेश्वर : कांडा की रहने वाली पूर्व भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष सविता नगरकोटी ने तीलू रौतेली  जैसा प्रतिष्ठित पुरुष्कार के चयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.  उन्होंने आरोप लगाते हए कहा,  वीरांगना राज्य स्त्री तीलू रौतेली पुष्कार के सम्बंध में  एक   राष्ट्रीय अख़बार   से   बात करते हुए‌  सविता नगरकोटी ने कहा कि जिस, उद्देश्य के लिए इस पुरस्कार दिया जाता है उससे सरकार पूरी तरह भटक गयी हैं।यह पुरस्कार  अपने अपनों को रेवड़ी बांटने तक ही सीमित रह गया हैं। बागेश्वर जनपद में पिछले दस वर्षों से लगातार खेल के ही क्षेत्र में दिया गया हैं।महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली महिलाओं का चयन जनपद स्तर से ही आगे नहीं बढ़ने दिया जाने का भी लगाया गम्भीर आरोप।महिला सशक्तिकरण,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विधवा विवाह नशा उन्मूलन आदि क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाओं के आवेदन पर विचार तक नहीं किया जाता है या फिर किसी नेता के राजनीतिक दबाव में अपने अपनों की ही फाईलें आगे बढ़ाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में स्वयं 25 वर्षों से कार्य कर रही हैं।और पिछले 15 वर्षों से लगातार इस पुरूस्कार के लिए आवेदन करते आ रही हैं। यहां क्षेत्र में 25 वर्षों से अनगिनत विधवा, असहाय,गरीबी को कारण आत्महत्या तक का बिचार करने वाली महिलाओं,नशा उन्मूलन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में गांव गांव घर घर पैदल चलकर कार्य कर रही हैं।उनका कहना है कि वास्तविक रूप से समाज में काम कर रही महिलाओं को यह पुरस्कार मिलना तो दूर जिले से ही आवेदन रोक दिए जाते हैं।जिसका प्रमाण उन्होंने स्वयं को माना है जो पिछले इतने वर्षों से आवेदन करती आई हैं।
सविता नगरकोटी ने प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि पुरूस्कार चयन में निष्पक्षता ईमानदारी पूर्वक होनी चाहिए।हर क्षेत्र में समाज के लिए कार्यकरधे वाली महिलाओं को यह सम्मान मिलना चाहिए इसका अवसर भी उन्हें मिले।यदि खेल को ही वरियता देने का प्रावधान है जैसा कि बागेश्वर जपनद में हो रहा हैं। तो पुरुस्कार का नाम बदलकर राज्य स्त्री तीलू रौतेली खेल पुरस्कार कर दिया जाए।जिससे कि खेल क्षेत्र की ही महिलाओं इसमें आवेदन करें अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं का समय व धन की तो बचत हो इसकी बर्बादी न हों। नगरकोटी ने कहा,  पुरूस्कार वितरण के सम्बंध में दिए गए सदन में व्यक्तव्य में राज्य की  बाल विकास मंत्री  ने भी हस्तक्षेप व दबाब की बात स्वीकारी हैं।

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