मंगलवार शाम रघुनाथ मंदिर में अल्मोड़ा बस हादसे के मृतकों की आत्मा की शांति के लिए 365 दीपदान कर प्रार्थना की गयी
कार्यक्रम निवर्तमान मेयर अनीता ममगाईं द्वारा आयोजित किया गया था
ऋषिकेश : कुछ दिन पहले अल्मोड़ा बस हादसे के मृतकों की आत्माओं के लिए मंगलवार शाम माँ गंगा तट स्थित प्राचीन रघुनाथ मंदिर स्थित प्राचीन सूर्य कुंड में लोगों ने सामूहिक तौर पर 365 दीप दान कर उनकी आत्माताओं की शांति के लिए प्रार्थना की. निवर्तमान मेयर अनिता ममगाईं ने आगे आ कर उनकी पहल पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था. इस दौरान ममगाईं ने कहा, हमने उन पूण्य आत्माओं की शांति के लिए यहाँ पर 365 दीप दान किये. साथ ही ईश्वर उनके परिजनों को इस विकट हालात में दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे. यह बहुत ही दुखद हादसा था. कई परिवारों ने अपनों को खोया. हम प्रार्थना कर सकते हैं उनके दुख को कम करे भगवान. इसलिए हम यहाँ पर एकत्रित हुए हैं. राज्य सरकार ने तत्परता से आगे कर घायलों को उपचार के लिए हेली से लेकर एम्स तक सुविधा देकर उनकी देख रेख कर रही है. उनके उपचार में कोई कसर न रहे सरकार लगातार लगातार मॉनिटर कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन साल की शिवानी के सिर पर हाथ रख कर बाकायदा उसके जीवन में आगे भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाने की बात कही. अन्य घायलों का भी उपचार किया जा रहा है. सरकार ने हेली एम्बुलेंस से हल्द्वानी और अल्मोड़ा, रामनगर से घायलों को सीधे एम्स लाया गया. जिससे उनको समय पर उपचार मिला. यह हमारी सरकार की संवेदनशीलता दिखाती है. राज्य के लोगों के लिए सरकार हमेशा खड़ी है…एक मजबूत और विश्वासपूर्वक अभिभावक की तरह. इस दौरान रामकिशन अग्रवाल, पंकज शर्मा, पवन शर्मा,अमरीक सिंह, विवेक गोस्वामी, स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज, स्वामी करुणा शरण जी महाराज, रमेश अरोरा, शैलेन्द्र रस्तोगी, भूपेंद्र राणा, राजेश गौतम, मनीष बनवाल, संजय ध्यानी, राजकुमारी जुगलान, मदन कोठारी,रोमा सहगल, विजय बडोनी, राम चौबे, गौरव सहगल, अनूप बडोनी, शिव कुमार अग्रवाल, दीपक मंडल, अनिता रैना, किरन जोशी, गीता बडोनी, कविता तोपवाल, सीमा नेगी, बसंती बिष्ट, विजय लक्ष्मी भट्ट, ज्योति सहगल, नरेश कुमार, राकेश सिंह, राजेश कोठियाल आदि लोग उपस्थित रहे.
रघुनाथ मंदिर –
उत्तराखंड के ऋषिकेश में रघुनाथ मंदिर भगवान राम को समर्पित हिंदू तीर्थस्थल है, जो सूर्य कुंड त्रिवेणी घाट के पास स्थित है। पारंपरिक भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ हैं।गंगा नदी के शांत दृश्य से घिरा यह मंदिर एक शांत आश्रय स्थल के रूप में कार्य करता है, जो आगंतुकों को ध्यान, आशीर्वाद और शांतिपूर्ण वातावरण की सराहना के लिए आकर्षित करता है। त्रिवेणी घाट पर शाम की आरती सबसे प्रभावशाली होती है। इसकी भक्ति के कारण पूरे साल कई भक्त इस स्थान पर आते हैं।