बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय की तड़पन पर  ऋषिकेश में दिखा आक्रोश संतों और आम जन के बीच

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  • बांग्लादेश में हिन्दुओं पर दुराचार को लेकर ऋषिकेश में आक्रोश, संतों ने और आम जन ने निकाली आक्रोश यात्रा 
  • श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज मैदान से त्रिवेणी घाट तक निकली यात्रा 
  • साधु संतों ने मानव अधिकार रक्षा मंच के बैनर तले शहर में
  • सरकार से एक्शन की मांग की, राष्ट्रपति के नाम SDM के मार्फत भेजा ज्ञापन 
ऋषिकेश: मंगलवार को शाम को ३ बजे से भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी..श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज  मैदान में. सभी आक्रोशित थे. आंदोलित थे. बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ आक्रोश था. लोगों में. संतों में. आम जन में.  बांग्लादेश में  हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ तीर्थ नगरी में साधु संत आक्रोशित दिखे. साधु संतों ने मानव अधिकार रक्षा मंच के बैनर तले शहर में विशाल विरोध रैली निकाली। जिसमें साधु संतों के अलावा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा और आरएसएस से जुड़े स्वयंसेवक, आम जन, बच्चे, बुजुर्ग, महिलायें, हिन्दू संगठनों के लोग इत्यादि  भी शामिल हुए। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से शुरू हुई विरोध रैली शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए त्रिवेणी घाट पहुंचकर समाप्त हुई। त्रिवेणी घाट पर साधु संतों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम को  सौंपा। रैली में साधु संतों ने बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की। विरोध रैली के आयोजक महामंडलेश्नेवर दयाराम दास महाराज ने  कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की जितना निंदा की जाए वह कम है.  जिस क्रूरता के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ साधु-संतों को टारगेट किया जा रहा है उसका विरोध पूरे देश को मिलकर करना चाहिए.  महामंडलेश्वर दयाराम दास ने कहा कि बांग्लादेश को 1971 में बसाने के दौरान भारत ने जो अपनी अहम भूमिका निभाई उस भूमिका को अदा करने की सजा जो आज बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा  है, उसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक को आवाज बुलंद करनी होगी. तभी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को चैन से रहने को मिलेगा.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द से जल्द बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए और एक्शन लेना चाहिए. कूटनीतिक और राजनीतिक दबाव बांग्लादेश पर बनाना चाहिए. इस दौरान,  परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने  भारत के सभी हिंदुओं से बांग्लादेश के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है.  स्वामी चिदानंद सरस्वती  ने भारत सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा को जल्द से जल्द बांग्लादेश में राजनीतिक हस्तक्षेप करने की मांग भी की है.

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