ऋषिकेश : संस्कृत विद्यालयों की तमाम समस्याएं जस की तस, किंतु शासन प्रशासन से अनेक बार अनुरोध करने पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई : आचार्य अनसूया प्रसाद सुंदरियाल

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ऋषिकेश :  माध्यमिक संस्कृत विद्यालय शिक्षक एवं कर्मचारी संगठन की एक विशेष बैठक संगठन के प्रांत कार्यालय जनार्दन आश्रम दंडीबाडा मायाकुंड ऋषिकेश में आहूत की गई.  बुधवार को हुई बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य अनसूया प्रसाद सुंदरियाल  ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों की तमाम समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं ,किंतु शासन प्रशासन से अनेक बार अनुरोध करने पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे संस्कृत के अध्यापक एवं छात्र प्रदेश में अपने को सौतेला समझ रहे हैं।उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि संस्कृत उत्तराखंड प्रदेश की द्वितीय राजभाषा है द्वितीय राजभाषा का सम्मान करते हुए संस्कृत विद्यालयों की दशा एवं दिशा को सुधारने के लिए शासन को उचित दिशा निर्देश करने की कृपा करेंगे उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही शिक्षा मंत्री  से मिला जाएगा तथा उनसे मिलते ही संस्कृत की तमाम समस्याओं का एक ज्ञापन उनको सौंपा जाएगा बैठक में संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ जनार्दन प्रसाद कैरवाण ने कहा कि जल्द ही संगठन के जिलों की कार्यकारणी के गठन के लिए आज प्रदेश पदाधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी दी है. जो इसी माह के भीतर जिलों का गठन करके संगठन को मजबूत करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ नवीन चंद्र पंत प्रदेश संगठन मंत्री डॉ मुकेश खंडूड़ी प्रदेश कोषाध्यक्ष  मनोज प्रसाद द्विवेदी संरक्षक मंडल के सदस्य डॉक्टर ओम प्रकाश पूर्वाल, सुरेंद्र दत्त भट्ट ,नवीन भट्ट डॉक्टर सुशील नौटियाल डॉ विनायक भट्ट  विनोद प्रसाद गैरोला डॉक्टर श्यामलाल गोड़ आदि उपस्थित थे।

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