परमार्थ निकेतन में अभिनेत्री स्मिता बंसल का आगमन…स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंटकर लिया आशीर्वाद

- विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
- अमानत, बालिका वधु, आशीर्वाद, सरहदें आदि धारावाहिकों में निभायी यादगार भूमिका

सिनेमा और कला केवल मनोरंजन के साधन नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले शक्तिशाली माध्यम हैं। जब कलाकार केवल अभिनय या अभिव्यक्ति तक सीमित न रहकर उसमें संस्कृति, प्रकृति और आध्यात्मिकता का समावेश करते हैं, तो उनकी रचना जनमानस के मन-मस्तिष्क को गहराई से छूती है।कला में वह सामथ्र्य है, जो न केवल भावनाओं को झकझोर सकती है, बल्कि विचारों को भी बदल सकती है। एक कलाकार जब मंच या परदे पर किसी चरित्र को जीवंत करता है, तो वह दर्शकों को संवेदना, सहानुभूति और जागरूकता का संदेश देता है। ऐसे में यदि वह सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों से भी जुड़ा हो, तो उसका प्रभाव बहुगुणित हो जाता है।आज की दुनिया को केवल तकनीक और भौतिक विकास की नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, करुणा और संतुलन की भी आवश्यकता है। ऐसे समय में कलाकारों की भूमिका केवल कलाकार के ही रूप मंे नहीं, बल्कि संस्कृति वाहक और मानवता के दूत के रूप में हो जाती है। जब कला में आध्यात्मिकता और प्रकृति की सुगंध घुलती है, तब समाज में चेतना की क्रांति स्वतः जन्म लेती है।ज्ञात हो कि परमार्थ निकेतन न केवल एक आध्यात्मिक स्थल है, बल्कि सिनेमा, संस्कृति और प्रकृति के संगम का केन्द्र बन चुका है, जहाँ देश-विदेश की अनेक जानी-मानी हस्तियाँ नियमित रूप से आती हैं और गंगा सेवा, पर्यावरण जागरूकता व सांस्कृतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार से जुड़ती हैं।स्वामी जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा स्मिता बंसल जी को भेंट किया।आज की गंगा आरती में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की अखिल भारतीय तीन दिवसीय कार्यशाला में भारत के विभिन्न प्रांतों से आये पर्यावरण विशेषज्ञ, प्रोफेसर, वैज्ञानिकों ने आज की परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।