ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के क्षमता विकास को लेकर बुधवार को विकास भवन नई टिहरी के निकट सभागार कक्ष में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को उनके द्वारा किये जाने वाले महत्वपूर्ण बिन्दुओं से अवगत कराते हुए उनके कार्य/दायित्वों, ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी), पंचायत भवन, मिनी सचिवालय, वेस्ट मैनेजमेंट, क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों को लेकर जानकारी ली। कचरा प्रबन्धन को गंभीरता से लेते हुए वाट्स एप ग्रुप बनाकर पंचायत सेक्रेटरी एवं प्रधानों से सम्पर्क कर कूड़ा निस्तारण वाहन का रोस्टर साझा करने तथा गांवों को स्वच्छ रखने को कहा गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से उनके कार्यों को लेकर सवाल जवाब किया तथा उनकी समस्याओं को सुना।कार्याशाला मंे मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय के मार्गदर्शन में जनपद के सर्वांगीण विकास हेतु अधिकारियों को गांवों में आमजन हित में कार्य कर अपनी एक छाप छोड़नी है। इस मौके पर पीडी डीआरडीए पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने एनआरएलएम और पीएम आवास, जिला विकास अधिकारी मो. असलम ने ग्राम पंचायतों में मनरेगा कन्वर्जन में किये जाने वाले कार्याें, जिला पंचायत राज अधिकारी एम.एम.खान ने विभिन्न विभागीय ऑनलाइन पोर्टल, 15 वां वित्त, विश्वकर्मा आदि के बारे में तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशुतोषी जोशी ने पशुपालन विभाग की योजनाओं एवं तकनीकी कार्यों की जानकारी दी। जनगणना निदेशालय सीआरएस प्रभाग के अनुपम आर्य एवं पुष्पेन्द्र ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के अन्तर्गत जन्म-मृत्यु पंजीकरण एवं उत्तराखण्ड आदर्श नियमावली के बारे मंे विस्तार से बताया। उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण से संबंधित सभी 13 प्रारूपों, आवेदन प्रक्रिया एवं तकनीकी जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी।बैठक में सिविल जज (सी.डि.)/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकारी आलोक राम त्रिपाठी, डीएसओ मनोज डोभाल, एपीडीआरओ राकेश सहित सभी सहायक विकास अधिकारी (पं.)/ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों उपस्थित रहे।