ऋषिकेश : विद्या मंदिर में लगी कानून की एक ऐसी क्लास जिसमें बच्चों का हो सर्वांगीण विकास, दो जज बने शिक्षक
ऋषिकेश में विद्या भारती द्वारा संचालित ख्याति प्राप्त सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज में लगी कानून ओर न्याय के दो न्यायाधीश द्वारा एक दिवसीय अनोखी क्लास जिसमें सभी बच्चे और शिक्षक बने शिष्य जिसके अंतर्गत ऋषिकेश के न्यायाधीश नंदिता काला और न्यायाधीश अभिषेक मिश्रा ने बच्चों को मानवाधिकार से संबंधित आत्महत्या, पोक्सो, साइबर क्राइम, महिला उत्पीड़न जैसे विषयों पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।कार्यकम का शुभारंभ जज नंदिता काला और जज अभिषेक मिश्रा एवं कॉलेज के प्रिंसिपल उमाकांत पंत और वाइस प्रिंसिपल नागेन्द्र पोखरियाल ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और माल्यपर्ण कर किया गया।कार्यक्रम में कॉलेज के प्रिंसिपल उमाकांत पंत और वाइस प्रिंसिपल नागेन्द्र पोखरियाल ने दोनों जजों को छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु एक नई सोच के लिए अंग वस्त्र पहनाकर और स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिवादन किया ।कार्यक्रम में न्यायाधीश नंदिता काला ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि हमारे देश ही नहीं, पूरी दुनिया में अकेलेपन, अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। बल्कि यूं कहना ठीक होगा कि आत्महत्या एक महामारी का रूप धरती जा रही है। लोग कई वजहों से आत्महत्या करते हैं, ऐसे में अगर उन्हें समय रहते पेशेवर सहायता मिल जाए, दोस्त-परिवार वाले उनकी मदद करें तो हम आत्महत्या के मामलों को कम कर सकते हैं। पिछले साल दुनियाभर में आठ लाख लोगों ने आत्महत्या की और हमारे देश में 1,64,033 ने आत्महत्या करके अपनी जान गंवाई। अब भी दुनियाभर में हर साल आत्महत्या से लगभग 10 लाख लोग जान गंवाते हैं, जो युद्ध या अन्य हिंसक मौतों का लगभग 50 प्रतिशत है। आप अपने टीचर से अपने परिवार से अपनी बातों को शेयर करे और अपने को कष्ट देना ही अपनी गलती को सुधारने का समाधान नहीं है।साथ ही उन्होंने विद्यालय के अनुशासन,संस्कार की ओर विद्यालय द्वारा समय समय पर की जा रही बच्चों की काउंसलिंग के लिए जमकर सराहना भी की है।कार्यक्रम में जज अभिषेक मिश्रा ने बताया कि साइबर अपराध में कंप्यूटर या इंटरनेट का उपयोग करके की जाने वाली गैरकानूनी गतिविधियाँ शामिल हैं, जो नेटवर्क पर हमला करने, डेटा चोरी करने या धोखाधड़ी करने पर केंद्रित हैं। इसमें अनधिकृत सिस्टम एक्सेस, पहचान की चोरी और ऑनलाइन घोटाले जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। साथ ही सोशल मीडिया से चिंता, अवसाद, शरीर की छवि से जुड़ी चिंताएं, खुद को नुकसान पहुंचाने और मादक द्रव्यों का सेवन जैसी समस्याएं हो सकती हैं,इसलिए सभी इन चीजों से दूर रहे।इस अवसर पर विद्यालय के मीडिया प्रभारी नरेन्द्र खुराना ने बताया कि छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास और उनको समाज में हो रहे अनेकों अपराधिक घटनाओं से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों का होना आवश्यक है भविष्य में भी ऐसी क्लास लगाने का विद्यालय परिवार ने आग्रह किया है।वरिष्ठ आचार्य रामगोपाल रतूड़ी के चले कार्यक्रम संचालन में विभानामदेव,ममता रमोला, अरविन्द भंडारी,नीरज यादव, बृजमोहन थपलियाल,कल्याण सिंह, मुकेश जोशी ,अशोक कुमार ,कर्णपाल बिष्ट वीरेंद्र कंसवाल ,लक्ष्मी चौहान,आरती बडोनी एवं विद्यालय का स्टॉफ मौजूद रहा।