उत्तराखंड की “ऐपण गर्ल” मीनाक्षी खाती से देहरादून में प्रेरित हुए युवा कवि नवल पुंडीर

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देहरादून : जहाँ एक ओर आज की युवा पीढ़ी नशे और वेस्टर्न कल्चर के पीछे पागल है… वही एक ऐसी मातृ शक्ति और युवाओं के लिए प्रेणास्रोत ऐपण गर्ल से फेमस देश मे मीनाक्षी खाती जो अपने आप मे एक मिशाल है. नर्सिंग महासंग उत्तराखंड के सदस्य और युवा गढ़वाली कवि नवल पुंडीर से मुलकात में मीनाक्षी ने अपनी बातचीत मे  बताया कि साल 2019 में कोविड काल के दौरान मीनाकृती के नाम से संस्था शुरू की और गांव से पलायन को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने युवाओं और महिलाओं को ऐपण कला की ट्रेनिंग देना शुरू किया. अब तक उन्होंने 4 हजार से ज्यादा महिलाओं को ऐपण के माध्यम से जिंदगी की नई राह दिखाई. आज मीनाक्षी उत्तराखंड की ऐपण गर्ल नाम से दुनियाभर में मशहूर हैं जिन्हें वीर बालिका, मां नंदा शक्ति पुरस्कार, महिला मातृशक्ति पुरस्कार, कल्याणी सम्मान और 2021 का सर्वश्रेष्ठ उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. राष्ट्पति भवन मे भी हाल में  उन्हें  अवसर दिया गया अपनी कला को लेकर जो की गर्व का विषय है …! मीनाक्षी  नैनीताल जिले के रामनगर के छोई गांव की रहने वाली   है प्रदेश में ऐपण गर्ल  के नाम से जानी जाती हैं.

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