ऋषिकेश में सबसे छोटे युवा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यश अरोड़ा ने किया नामांकन…जानें
- यश अरोड़ा के मुताबिक़ वे 23 वर्ष के हैं और चुनाव लड़ने जा रहे हैं
- कोविड काल में समाज की सेवा की थी, तब से समाज की सेवा करने की ठानी
- अब वार्ड संख्या 10 से (सदानंद मार्ग) से नगर निगम पार्षद के लिए किया नामांकन
- यश ने लोगों को जान गंवाते देखा अपनी आँखों से तो हुए भावुक, कोविड काल ने बदला लक्ष जीवन का
- इतनी कम उम्र में आया सेवा भाव मन में यश अरोड़ा के, उसी के साथ राजनीती में आने की सोची है
ऋषिकेश :[मनोज रौतेला] नगर निगम चुनाव में युवा भी आगे आये हैं जो एक अच्छा संकेत है. सदानंद मार्ग स्थित वार्ड संख्या १० से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यश अरोड़ा ने नामांकन किया है. यश के अनुसार वह सबसे कम आयु वाला प्रत्याशी है इस चुनाव में. यश केवल २३ साल के हैं. चुनावी राजनीती में कूद गए हैं. इससे पहले वे छात्र राजनीती में भी शक्रिय रहे हैं. पीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव में काफी शक्रिय रहे हैं. वे अपने जिंदगी के पहले चुनाव में जीत दर्ज कर सबसे युवा पार्षद का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं. यश ने “नेशनल वाणी” हिंदी से बात करते हुए बताया, वे सदस्य हैं श्री गंगा सभा और श्री कृष्णा संकीर्तन मंडल, श्री गोपाल मंदिर ऋषिकेश और दीवाने महारानी जी के. यश का कहना है कोरोना काल से लेकर अभी तक दिन रात सामाज की सेवा में उन्हूने अपने आप लगाया और तपाया हुआ है. उन्हूने किसी पार्टी से टिकट नहीं मांगा है. खुद निर्दलीय चुनाव लड़ने का तय किया. यश के मुताबिक़, बड़ी हिम्मत से मैंने फैसला लिया है, अपने मन को मनाया, कि नहीं यश तू सेवा के लिए बना है. कोविड काल में सेवा की…. जब लोगो की जानें जा रही थी और अब आगे भी सेवा करता रहेगा. यश के मुताबिक, उन्हें युवाओं के साथ साथ महिलाओं और बुजुर्गों का भी आशीर्वाद मिल रहा है. उन्हें उम्मीद है वे दर्ज कर इतिहास बनायेंगे. खास बात, जब युवा स्कूल/कॉलेज में जाते हैं उस समय यश ने नगर निगम का चुनाव लड़ने की सोची है तो यह भारतीय लोकतंत्र की सुन्दरता ही है जो यश जैसे युवा को राजनीती के पहले पायदान से जनसेवा के लिए प्रेरित करती है…इसमें कोई शक नहीं, देश युवाओं भविष्य के कन्धों पर रहगा. …इसका हिस्सा माथे पर सफ़ेद चन्दन टीका और मुंह पर शरारती मनमोहक मुस्कान लिए हुए यश अरोड़ा भी बन गए है…जीत हार के इतर ….