विश्व ध्यान दिवस…परमार्थ निकेतन में वैश्विक परिवार के साथ किया ध्यान…21 दिसम्बर, 21 बजे 21 मिनट ध्यान
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- वर्ल्ड मेडिटेशन डे – शांति और स्थिरता का वैश्विक आंदोलन
- ध्यान करें, शांति का प्रसार करे, और एकता की ओर कदम बढ़ाएं-स्वामी चिदानंद सरस्वती
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स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्ल्ड मेडिटेशन डे एक वैश्विक पहल है, जो हमें मानसिक शांति, एकता और सामूहिक स्थिरता के महत्व को समझने और अनुभव करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करती है। इस दिन हम सभी मिलकर ध्यान के माध्यम से शांति और मानसिक संतुलन का संदेश पूरी दुनिया में फैलाये और एक बेहतर दुनिया की ओर कदम बढ़ाये। ध्यान के माध्यम से आंतरिक शांति और सामूहिक एकता का अनुभव करें। आइए हम एकजुट होकर शांति और प्रेम का उत्सव मनाएं, ताकि यह हमारे जीवन को हर दिन समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाए।21 दिसंबर 2024 से सूर्य का खगोलीय उत्तरायण शुरू हो जाता है यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। उत्तरायण वह समय होता है जब सूर्य अपनी छः महीने की दक्षिणायन यात्रा को समाप्त कर उत्तरी गोलार्ध की ओर पुनः यात्रा शुरू करता है। इस दिन से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है, जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस खगोलीय परिवर्तन के साथ, भारतीय संस्कृति में इसे नए साल का आरंभ और शुभ अवसर माना जाता है।आज 21 दिसंबर को ‘वर्ल्ड मेडिटेशन डे’ भी मनाया जा रहा है, जो एक वैश्विक पहल है। यह दिन मानसिक शांति और ध्यान के महत्व को समझने के लिए समर्पित है। सूर्य की उत्तरायण यात्रा और ध्यान का संगम एक सकारात्मक ऊर्जा और आंतरिक शांति का प्रतीक है।21 जून को भी एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है, जिसे गर्मियों की संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सूर्य पृथ्वी के सबसे उत्तरतम बिंदु पर स्थित होता है, यानी यह कर्क रेखा पर सीधा स्थित होता है। इसे खगोलीय रूप से सूर्य का कर्क संक्रांति भी कहा जाता है। यह समय नई शुरुआत, उम्मीद और जीवन के चक्र के पुनर्नवनीकरण का प्रतीक है।21 दिसम्बर और 21 जून दोनों ही खगोलीय दृष्टि से अद्भुत तिथियाँ हैं इन तिथियों को हमारे ऋषियों द्वारा खोजी गयी ध्यान व योग की उत्कृष्ट विधाओं के रूप में मनाया जा रहा है जो कि पूरे भारत के लिये गर्व का विषय है और विश्व के लिये एक सौगात है।