विश्व पर्यावरण दिवस विशेष-“3 सेवानिवृत्त बुजुर्गों की स्थापित की गई शिवालिक वाटिका तड़प रही है आज पानी के बिना”
IDPLl के बीच पड़ती है शिवालिक वाटिका, 20 से ज्यादा किस्म के पेड़ पौधे है वाटिका में
ऋषिकेश : आज विश्व पर्यावरण दिवस है. इस मौके पर आईडीपीएल के अंदर एक शिवालिक वाटिका है. इस वाटिका को 3 सेवानिवृत्त बुजुर्गों ने स्थापित की. यहां पौधे लगाए, पेड़ लगाए, संरक्षण किया. लेकिन आज यही वाटिका तड़प रही है पानी के बिना.
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पेड़, पौधों को पानी नहीं मिला तो समझो उनका जीना मुश्किल है. ऐसे में पिछले 8 वर्षों से लगातार मेहनत कर रहे हैं डॉक्टर सुधीर कुमार. आज यह वाटिका दुर्भाग्य से पानी के अभाव में तड़प रही है इसके पौधे सूखने की कगार में है. कई पौधे, पेड़ सुख भी गए हैं. यहां पर औषधि के पौधे, फल के पौधे और अन्य पेड़ मौजूद हैं.लगभग 20 से ज्यादा किस्म के पौधे और पेड़ यहां पर लगाए गए हैं. डॉक्टर सुधीर कुमार जो आईडीपीएल लैब से माइक्रोबायोलॉजिस्ट के तौर पर रिटायर हैं. उनके साथ में उनके साथी केएन दुबे और केसी जोशी ने मिलकर यह वाटिका को खड़ा करने में दिन रात एक किया. लगभग एक से डेढ़ एकड़ में फैली यह वाटिका आज शानदार तारबंदी के अंदर तो है लेकिन पानी मयस्सर नहीं हो रहा है. डॉक्टर सुधीर ने नेशनल वाणी से से बात करते हुए बताया, जब भी मैं कहीं जाता था रास्ते में पौधे देखेम जिस किसी के भी हों, हलकी गीली मिटटी ली और ले कर आया और यहाँ पर लगा दिया. पहले IDPL के अधिकारी थे कोई बेदी जी, वे भी रूचि लेते थे पेड़ पौधों में. यहाँ पर पानी आता था पाइप से लेकिन अब कुछ नहीं है.IDPL अब बंदी के कगार पर है ऐसे में अब इसका भगवान् ही मालिक है. हम जितना हो सक रहा है उतना कर दे रहे हैं. लेकिन पानी मिल जाता था ये बच्चे (पेड़, पौधे) ज़िंदा रह जाते. पर्यावरण को कुछ तो फायदा होता. डॉक्टर सुधीर ने अपना सेवानिवृत होने के बाद इन पेड़ पौधों स्वस्थ्य के प्रति अपना जीवन समर्पित कर रखा हुआ है. वे शाम को लोगों को योग भी सिखाते हैं. तीनों ने सेवानिवृत हो कर जहां-तहां से पेड़ पौधे लाकर यहां पर लगाए उनका संरक्षण किया फिर शिवालिक वाटिका का बोर्ड लग गया, यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनिसाइजेशन का बोर्ड. हमें भी अच्छा लगा चलो पेड़ पौधों को कुछ तो फायदा होगा. लेकिन कुछ ख़ास नहीं हुआ. इस प्रचंड गर्मी में इन पेड़ पौधों की हालत देखकर दुःख होता है. बरसात का पानी छोड़ कर इन दो तीन महीनों में जो प्रचंड गर्मी पड़ती है उससे इनको कैसे बचाएं ? यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है. वाटिका में अर्जुन के लगभग 10 पेड़, हरड़ व् अन्य औषधि रूपी पेड़ लगाए हैं. डॉक्टर सुधीर ने बताया आज के सामान्य में पेड़ पौधे लगाना आसान है लेकिन इनके संरक्षण की ख़ास जरूरत है और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पेड़ होंगे पौधे होंगे तो जीवन होगा तो इस बात को चरितार्थ करते हुए यहां पर कहीं न कहीं इन पेड़, पौधों को पानी की अब सख्त दरकार है. क्योँकि पेड़ पौधे सरकार, बिभाग, इंसान नहीं बल्कि प्रकर्ति के अंदर आते हैं.