महिला गंगा आरती जानकीपुल पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने वसंत पंचमी उत्सव मनाया

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  • गंगा आरती में सितार वादन की प्रस्तुति से मन मोहा
  • महिलाओं द्वारा की जा रही में डॉ. ज्योति शर्मा के सितार ने भरे सात सुरों के रंग
  • वसंत पंचमी पर महिलाओं ने की विशेष गंगा आरती
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, जानकीपुल पूर्णानंद घाट में महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती में महिलाओं बसंत पंचमी उत्सव हर्षाेल्लास से मनाया गया। जहां देष विदेष के लोगों ने हवन कुंड में आहुति डालकर अपने सुखमय जीवन की मंगल कामना की, वहीं वसंत पंचमी की शुभकामनाएं भी दी।डॉ. ज्योति शर्मा ने मां सरस्वती वंदना एवं भजन प्रस्तुत करके लोगों का मन मोह लिया। आचार्य सोनिया राज ने भजन में बांधां समा, जमकर झूमें श्रोता।डॉ. ज्योति शर्मा ने कहा कि वसंत को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस ऋतु की पंचमी का विशेष महत्व है। “वसंत पंचमी” प्रकृति के अद्भुत सौन्दर्य, श्रृंगार और संगीत की मनमोहक ऋतु यानी ऋतुराज के आगमन की सन्देश वाहक है। वसंत पंचमी के दिन से शरद ऋतु की विदाई के साथ पेड़-पौधों और प्राणियों में नवजीवन का संचार होने लगता है। प्रकृति नवयौवना की भांति श्रृंगार करके इठलाने लगती है।
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी  ने कहा वसंत प्रकृति का सालाना मेकओवर होता है। वसंत पंचमी सिखाती है कि पुराने के अंत के साथ ही नए का सृजन भी होता है। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है कि  वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु। अर्थात ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेध है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और इस तरह भारत में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा होने लगी।सोनिया राज ने कहा वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नई उमंग से सूर्याेदय होता है और नई चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है। यों तो माघ का यह पूरा मास ही उत्साह देने वाला है, पर वसंत पंचमी का पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है।महिला गंगा आरती में मुख्य रूप  डॉ. ज्योति शर्मा, ज्योतिषाचार्य आचार्य सोनिया राज, पुष्पा शर्मा, आशा डंग, बंदना नेगी, प्रमिला, गायत्री देवी आदि ने गंगा आरती की।

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