ऋषिकेश : पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया कान्हा जी का छठी उत्सव

गंगा आरती में राधे राधे कृष्णा कृष्णा के लगाए जयकारें, मनाया लड्डू गोपाल की छठी

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  • कृष्ण छठी पर लगाया कढ़ी-चावल का भोग
  • पूर्णानंद घाट पर धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण की छठी
  • भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से सिखाया पर्यावरण से प्रेम करना- ज्ञानी जी

ऋषिकेश : आज ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में महिलाओं द्वारा आज श्रीकृष्ण की छठी का त्योहार हर्षाेल्लास से मनाया गया और राधे राधे कृष्णा कृष्णा के जयकारें से पूर्णानंद घाट गूँज उठा, देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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श्रीकृष्ण के बालस्वरूप की पूजा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान को पंचामृत और गंगाजल से स्नान करवाया इसके बाद नए वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार किया भगवान को मिष्ठान और उनकी प्रिय चीजों से भोग लगाया भोग लगाने के बाद भगवान श्री कृष्ण आरती की लड्डू गोपाल को कढ़ी-चावल का भोग लगाया। भगवान की मूर्तियों पर को देखकर लोग भाव विभोर होते रहे। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जहां लोगों ने भक्ति गीतों का खूब लुत्फ उठाया और राधे राधे कृष्णा कृष्णा के जयकारों से पूरा पंडाल झुमता रहा।

पंडित हरिओम शर्मा ज्ञानी  ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने दुनिया को प्रकृति प्रेम और पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया। उनकी बाल लीलाओं से लेकर गोवर्धन लीला में प्रकृति के संरक्षण का संदेश छिपा है। पशु-पक्षी, गौवंश वन और यमुना की शुद्घता के लिए भगवान ने कालिया मर्दन की लीला की।गंगा आरती में ऋषिकेश के सुधीर गुप्ता जी ने कढ़ी चावल का वितरण कराया, पंचामृत सभी श्रद्धालुओं को वितरित कराया।महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विशाल भट्ट, डॉ. ज्योति शर्मा, वंदना, रीता, मंजू जोशी आशा, प्रमिला आदि ने गंगा आरती की।

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