उत्तराखंड: सुरेंद्र कुकरेती बने UKD के केन्द्रीय अध्यक्ष
गैर सैण को स्थायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ अधिवेशन में

- कुकरेती के आगे संगठन को मजबूती प्रदान करने के अलावा आगामी २०२७ में विधानसभा चुनाव जैसी चुनौतियाँ सामने होंगी
- युवाओं को जुड़ने से जरुर फर्क पड़ा है पार्टी की छवि को, लेकिन ग्राउंड में संगठन मजबूती के लिए दिन रात एक करना होगा
देहरादून : राज्य आन्दोलनकारी सुरेन्द्र कुकरेती को UKD की कमान सौंपी गयी है. कुंवा वाला में एक दिवसीय अधिवेशन में गैर सैण को स्थायी राजधानी बनाने का प रस्तव भी पास हुआ. उन्हें केंद्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. गुरुवार को उन्हें अध्यक्ष चुना गया. उक्रांद पार्टी के फाउंडर और संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने उन्हें बधाई और शुभकामनायें दी हैं. उन्होंने कहा, “मेरे उत्तराखंड राज्य आंदोलन के साथी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भाई सुरेंद्र कुकरेती जी को उत्तराखंड क्रांति दल का केंद्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।यूकेडी परिवार के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है। आपके नेतृत्व में संगठन और अधिक सशक्त होगा तथा उत्तराखंड की अस्मिता, अधिकारों और जनभावनाओं की लड़ाई को नई दिशा व नई ऊर्जा मिलेगी।आपका अनुभव, समर्पण और कुशल नेतृत्व निश्चय ही यूकेडी को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपको निरंतर शक्ति, बुद्धि और सफलता प्रदान करे, ताकि उत्तराखंड के हित में उठाया गया प्रत्येक कदम सार्थक सिद्ध हो।आपके उज्ज्वल कार्यकाल हेतु हार्दिक शुभकामनाएं।
आपको बता दें, निवर्तमान अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत ने सुरेन्द्र कुकरेती के नाम का प्रस्ताव रखा. शाकी शैल कपरवान ने कुकरेती के नाम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया. और पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष कशी सिंह ऐरी ने केंद्रीय अध्यक्ष पद के लिए सुरेन्द्र कुकरेती के नामा की घोषणा की. अधिवेशन में संरक्षक नारायण सिंह, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, खड़क सिंह, विजय ध्यानी, जय प्रकाश,शांति प्रसाद थपलियाल, रेखा मियाँ, प्रमिला रावत, शकुंतला रावत, राजेश्वरी रावत, गणेश काला मनोज कंडवाल, मोहन सिंह असवाल, व् सैकड़ों उक्रांद के कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद रहे. सञ्चालन किरण रावत ने किया.
ये प्रस्ताव पास हुए अधिवेशन में –
- गैरसैण को स्थायी राजधानी बनायी जाए
- प्रदेश में सशक्त भू -कानून लागू हो.
- प्रदेश में मूल निवास १९५० लागू किया जाये
- प्रदेश की स्वास्थय सेवा बेहतर की जाए
- महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास कल्याण की विभिन्न योजनायें लागू की जाएँ
- ३०० यूनिट बिजली आवासीय प्रयोजन के लिए मुफ्त दी जाए



