उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों ने  उठाये सवाल,  रायवाला पुलिस की कार्यप्रणाली पर,  बिना तथ्यों के फर्जी मुकदमे जो किये हैं वे वापस लिए जाएँ 

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  • उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों की  बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा 
  • उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों ने की मांग, रायवाला पुलिस द्वारा कुछ लोगों पर बिना तथ्यों के फर्जी मुकदमा कर देना पुलिस की कार्य प्रणाली प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है, मुकदमे वापस लिए जाएँ -राज्य आन्दोलनकारी 
  • पुलिस प्रशासन बदले हुए हालातों को संभाले नहीं तो चुनौती वाले हालत बन सकते हैं -राज्य आन्दोलनकारी 
  • भाजपा के प्रदेश  अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट,  विधानसभा अध्यक्ष रितु खडूरी, मंत्री  सुबोध उनियाल को भी बर्खास्त किया जाए -राज्य आंदोलनकारी 
ऋषिकेश :  उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों (राज्य आन्दोलनकारी) की एक आवश्यक बैठक नगर निगम परिसर ऋषिकेश स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी हाल में आयोजित  की गई. मंगलवार को हुई इस  बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में ऋषिकेश देवभूमि उत्तराखंड जो माहौल चल रहा है,  मैदान बनाम पहाड़ी इसके पीछे कारण कुछ और ही है.  राज्य निर्माण सेनानियों ने कहा कि इसकी जवाबदेही पुलिस प्रशासन सरकार या जनप्रतिनिधि….किसकी है ? इसके लिए कौन जिम्मेदार है ?  अगर इसको समय रहते नहीं संभाला गया तो  आने वाले समय में इसकी गंभीर परिणाम हो सकते हैं.  इसलिए सरकार तुरंत इस पर संज्ञान ले. ` राज्य निर्माण सेनानियों ने कहा की रायवाला पुलिस द्वारा [ तात्मंकालीन मंत्री   के होली  मिलन के दौरान महिला का सड़क पर अचानक प्रकट होने पर मुक़दमा करना कुछ लोगों के खिलाफ का मामला]  कुछ लोगों पर बिना तथ्यों के फर्जी मुकदमा कर देना पुलिस की कार्य प्रणाली प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है . हम रायवाला पुलिस प्रशासन की कड़ी निंदा करते हैं. डीजीपी उत्तराखंड से मांग करते हैं इन लोगों पर लगे मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं.  वक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि पहाड़ मैदान का सवाल होता तो प्रेमचंद अग्रवाल के मंत्री पद से त्यागपत्र के बाद आंदोलन समाप्त हो जाता,  लेकिन उत्तराखंड की जनता अभी भी भाजपा के प्रदेश  अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट,  विधानसभा अध्यक्ष रितु खडूरी, सुबोध उनियाल की बर्खास्त की  मांग नहीं करती…राज्य निर्माण सेनानियों ने कहा कि वास्तव में इन   तीनों द्वारा  जवाबदारी पद पर होने के बावजूद इस तरह की बयान बाजी करना दुर्भाग्यपूर्ण है.  उन्होंने सरकार से मांग की इनको भी बर्खास्त किया जाए. ताकि उत्तराखंड का शांत माहौल को खराब होने से बचाया जा सके. इनके खिलाफ भी जनता में आक्रोश है. राज्य निर्माण सेनानियों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है ऐसे बिना सोचे समझे बयान देने वाले बयान वीरों की लगाम कसनी चाहिए. इनकी गलत बयान बाजी का खामियाजा आज राज्य  सरकार को भुगतना पड़ रहा है.   बैठक में मुख्य रूप से बलवीर सिंह नेगी डी एस गुसाईं युद्धवीर सिंह चौहान गुलाब सिंह रावत बेताल सिंह धनाई प्रेम सिंह रावत राजेंद्र कोठारी हरि सिंह नेगी बृजेश डोभाल दिसंबर दत्त डोभाल   रामेश्वरी चौहान कुसुम लता शर्मा सरोजिनी थपलियाल पूर्ण राणा प्रेम नेगी जयंती नेगी सुशीला पोखरियाल श्वेता कंडवाल लक्ष्मी राणा सटेश्वरी मनोरी सुशील शर्मा उर्मिला डबराल जया डोभाल अंजू गैरोला सरस्वती देवी कौशल्या बिजवान उमा रावत पदमा रावत साहित्य सैकड़ो लोग मौजूद थे.  बैठक की अध्यक्षता बलवीर सिंह नेगी तथा संचालन डी एस गुसाईं ने किया.

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