उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का परमार्थ निकेतन में आगमन, IYF का हुआ समापन


- उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का परमार्थ निकेतन में आगमन
- राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को उनकी अद्भुत सेवाओं के लिये गंगा अवार्ड से किया सम्मानित
- अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अन्तिम दिन विश्व के 75 से अधिक देशों के 1500 से अधिक योग जिज्ञासुओं, योगाचार्यों व प्रतिभागियों का संगम
- अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, स्वामी चिदानंद सरस्वती, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, साध्वी भगवती सरस्वती, अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पद्मश्री कैलाश खेर, माता मंगला, संस्थापक हंस फाउंडेशन, भोले महाराज, प्रेमबाबा, पद्मश्री शिवमणि, प्रसिद्ध ड्रम व तबला वादक, रूना रिजवी, सूफी गायिका, दीपा धनसिंह रावत और विशिष्ट विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति
- परमार्थ निकेतन में पद्मश्री कैलाश खेर और पद्मश्री शिवमणि की अद्भुत प्रस्तुतियाँ
- जगत चेतना हूँ आदि अनंता गीत पर मंत्रमुग्ध हुये योगी
- हंस फाउंडेशन के माध्यम से पूरे भारत में अद्भुत सेवा कार्य कर रही मंगला माता और भोले महाराज को गंगा अवार्ड से किया सम्मानित

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे मानसिक और आत्मिक विकास में भी सहायक है। यह हमें शांति, प्रेम और एकता का संदेश देता है। आप सभी जो पूरे विश्व से परमार्थ निकेतन आये हैं, योग के ब्रांड एम्बेसेडर हंै। यहां आकर आप इस दिव्य भूमि से आर्ट आॅफ योग को अपने साथ लेकर जाये। उन्होंने ऊँ शान्ति की बड़ी ही सुन्दर व्याख्या की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड तप भूमि है, योग की भूमि है, संतों की भूमि है। यहां से आप सभी वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश लेकर जाये। उन्होंने भारत की सभ्यता व संस्कृति ’अतिथि देवो भव’ की भी सुन्दर व्याख्या की।स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मानवता के लिए समर्पण ही योग है। मानवता की एकता ही योग है। योग, पूरे विश्व को एकता से सूत्र में बांधता हैं।साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव परिवर्तन का पर्व है। यह अद्भुत अवसर है जो हमें बताता है कि हम वास्तव में कौन हैं।पद्मश्री कैलाश खेर ने कहा कि यह समय परिवर्तन का समय है, इसलिए हमें अपने लक्ष्य के लिए जीना चाहिए। दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक वे जो बात करते हैं और दूसरे वे जिनकी बात होती है। दुनिया में आगे बढ़ने के लिए ज्ञान के साथ ध्यान भी जरूरी है। हम सभी किसी विशेष उद्देश्य के लिए आए हैं।समापन समारोह के दौरान पद्मश्री कैलाश खेर और पद्मश्री शिवमणि ने अद्भुत प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अद्भुत आयोजन में उपस्थित सभी प्रतिभागियों और योगाचार्यों ने एक साथ मिलकर योग के माध्यम से जीवन में शांति, प्रेम और संतुलन की भावना को अनुभव किया।हंस फाउंडेशन के माध्यम से समाज सेवा में अतुलनीय योगदान देने के लिए माता मंगला और भोले महाराज को भी गंगा अवार्ड से सम्मानित किया गया।समापन समारोह का समापन गंगाजी की आरती के साथ हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर दिव्य गंगा जी के तट पर विश्व शान्ति हेतु प्रार्थना की और योग की शक्ति के माध्यम से एक नई ऊर्जा का अनुभव किया।अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन समारोह योग, शांति और आध्यात्मिकता के एक नए अध्याय की एक शुरुआत है।