साझेदारी से स्वस्थ व समृद्ध उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य निर्माण की ओर विश्वविद्यालय : प्रो. जोशी



ऋषिकेश : श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल, टिहरी गढ़वाल और स्पीकिंगक्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दिनांक 21 अगस्त 2025 को हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौते का उद्देश्य छात्रों और समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, शैक्षणिक शोध, और सामाजिक उद्यमिता को नई दिशा देना है। इस एमओयू के तहत विश्वविद्यालय और स्पीकिंगक्यूब मिलकर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, हाइब्रिड इंटर्नशिप, अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, शोध एवं नवाचार, दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण, और कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम संचालित करेंगे। विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार श्री दिनेश चंद्र तथा स्पीकिंगक्यूब की संस्थापिका एवं निदेशक डॉ. दीपिका चमोली शाही ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत छात्रों के लिए पेशेवर विकास, सुपर स्पेशलाइज्ड कोर्सेज, व्यवहारिक प्रशिक्षण और स्टार्टअप्स के माध्यम से सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़े दिवस भी संयुक्त रूप से मनाए जाएंगे।
यह एमओयू पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगा और उत्तराखंड में मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा व शोध कार्यों को सशक्त बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगा।विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर एन के जोशी द्वारा बताया गया कि विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा पिछले दो वर्षों में लगभग 25 अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय संस्थानों से (MOU) समझौता हस्ताक्षर किए गए हैं व इसी क्रम में विगत मार्च 2025 में स्पीकिंगक्यूब संस्था के सहयोग से विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल माध्यम से मनोवैज्ञानिक मुद्दे: हस्तक्षेप और प्रबंधन विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि आने वाले सितंबर 2025 से विश्वविद्यालय व स्पीकिंगक्यूब संस्था द्वारा एक फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसका प्रदेश व देश के प्राध्यापकों को लाभ प्रदान होगा।
पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के प्रभारी निदेशक प्रो प्रशान्त कुमार सिंह ने इस मौके पर कहा कि हमारा विश्वविद्यालय अनुसंधान के क्षेत्र में दिनों दिन नए आयामां को छू रहा है, जिससे हमारे शोधार्थियों व छात्रों लाभान्वित होंगे, उन्होंने विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा को इस नई उपलब्धि जोड़ने के लिए शुभकामनाएं दीं।