निजी फाइनेंस कंपनी (GVNL) की करोड़ों की ठगी से परेशान पीड़ितों ने किया श्यामपुर पुलिस चौकी का घेराव

दर दर भटक रहे हैं पीडित, लेकिन कार्रवाई का कुछ पता नहीं, मेहनत की कमाई लगा दी थी अधिकतर ने

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  • निजी फाइनेंस कंपनी बोहरा ग्रामीण  विकास निधि लिमिटेड [GVNL] पर है आरोप 
  • तीनों दलीप सिंह बोहरा, सुरेन्द्र सिंह नेगी और प्यारे लाल सामने नहीं आ रहे हैं :पीड़ित 
  • श्यामपुर, ऋषिकेश, गुमानीवाला,रायवाला समेत कई जगहों से लोगों के साथ करोड़ों की ठगी 
  • अभी कुछ दिन पहले LUCC कंपनी के भी संचालक गिरफ्तार हुए थे, लोगों ने इसी तरह ठगी का लगाया था आरोप 
  • अभी तक पुलिस  या मीडिया के सामने  कंपनी के तीनों जिम्मेदार ब्यक्तियों की तरफ से कोई बयान/पक्ष नहीं आया है 
  • कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला भी पहुंचे पीड़ितों संग चौकी
बाएं से सुरेन्द्र नेगी, दलीप वोहर और प्यारे लाल

ऋषिकेश : गुरूवार को निजी फाइनेंस कंपनी बोहरा ग्रामीण  विकास निधि लिमिटेड [GVNL] की ठगी से परेशान हो कर पीड़ितों ने श्यामपुर पुलिस चौकी का घेराव किया.  करोड़ों रुपये की ठगी का मामला बताया जा रहा है. श्यामपुर में गुरुवार को निजी फाइनेंस कंपनी पर करोड़ों रुपए की ठगी के आरोप लगे. इसमें कार्रवाई नहीं होने पर  पीड़ित भड़क गए.  उन्होंने पुलिस चौकी का घेराव  करते हुए कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त किया है.  उन्होंने पुलिस पर मामले में ढीला रैवैया  अपनाने का आरोप लगाते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है. जहाँ पर पहले कंपनी का ऑफिस था वहां पर भी लोग गए लेकिन फिर वहां से वापस लौट आये. कंपनी अपना दफ्तर बंद कर इसके  कर्ता धर्ता फिलहाल गायब हैं. वे सामने नहीं आ रहे हैं. उनके नाम हैं. दलीप सिंह बोहरा, सुरेन्द्र सिंह नेगी और प्यारे लाल. ये तीनों निदेशक/पार्टनर  बताये जा रहे हैं. गुरु वार को पुलिस ने फोन कर के सुरेन्द्र नेगी को चौकी बुलाया था. शाम के वक्त लगभग 5-6  बजे लगभाग  का समय दिया गया था. लेकिन वह नहीं आया चौकी.   चौकी प्रभारी के काफी समझाने के बाद नाराज पीड़ित जल्द कार्रवाई  के भरोसे पर शांत हुए. गुरुवार दोपहर 50 से ज्यादा लोग श्यामपुर पुलिस चौकी पहुंचे. जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों थे.पीड़ितों ने  बताया कि उन्होंने निजी फाइनेंस कंपनी जिसका नाम बोहरा ग्रामीण  विकास निधि लिमिटेड [GVNL]  है. इस कंपनी ने अच्छा ब्याज का झांसा देकर अलग-अलग पॉलिसी में करोड़ों  रुपए जमा कराया.  भुगतान करने का मौका आया तो कंपनी संचालक दफ्तर बंद कर चले गए.  रकम जमा करने वाले एजेंट्संस ने  उन्हें खुद परेशान बताया. मालिक जो तीनों हैं वे कभी बता रहे हैं नुक्सान हो गया, कभी कह रहे हैं दिवालिये हो गए कभी कुछ. ऐसे में  ठगी से 80 से ज्यादा लोगों की रकम का ता पता नहीं है.  इस मामले में पीड़ितों ने बताया, कोटद्वार में एक मुक़दमा दर्ज हो रखा अहै.  पीड़ितों में चन्द्रकला, पूनम, संगीता देवी, प्रतीक कलूड़ा, शकुंतला चौहान,   जसपाल सिंह आदि ने कहा कि 18 नवंबर को कंपनी संचालकों पर कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाते हुए कोतवाली में 8  तहरीर  भी दी गई थी. FIR दर्ज की मांग की थी लेकिन मुक़दमा पुलिस ने दर्ज नहीं किया था. वहीँ पीड़ितों का कहना है, पुलिस इस मामले में कोई भी कार्रवाई करती नहीं दिख रही है.  चौकी प्रभारी निखलेश बिष्ट ने  बताया कि फिलहाल इस प्रकरण की जांच लंबित है. हम भी जांच कर रहे हैं.वहीँ पीड़ितों का कहना है अगर कार्रवाई नहीं होती है तो हम फिर कोर्ट का भी सहारा ले सकते हैं.

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