ऋषिकेश में “ईको पार्क” के रूप में विकसित करने का कार्य शुरु,जल्द जुड़ेगा पर्यटन से…जानें

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  • पैदल मार्ग, नव ग्रह एवं नक्षत्र वाटिका की स्थापना के साथ ही गजीबो हट्स  भी निर्मित किये जाने की योजना है पार्क में, काम शुरू 
  • जल्द अठूर भागीरथी स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित स्मृतिवन में अब लोग पर्यटन का लाभ ले सकेंगे-विनोद जुगलान 
  • हरिद्वार ऋषिकेश बाईपास मार्ग के समीप लाल पानी वनबीट कक्ष संख्या दो स्थित स्मृतिवन वन विभाग ईको पार्क के रूप में विकसित करने का कार्य की शुरुआत
  • कुछ समय पहले वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने यहाँ ईको पार्क स्थापना के लिए न केवल के एक करोड़ रुपये बजट स्वीकृत करने की घोषणा की थी
ऋषिकेश : अठूर भागीरथी स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित स्मृतिवन में अब लोग पर्यटन का लाभ ले सकेंगे।यहाँ हरिद्वार ऋषिकेश बाईपास मार्ग के समीप लाल पानी वनबीट कक्ष संख्या दो स्थित स्मृतिवन वन विभाग ईको पार्क के रूप में विकसित करने का कार्य की शुरुआत हो चुकी है।बीते मानसून सत्र में स्मृतिवन में आयोजित पौध रोपण कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने यहाँ ईको पार्क स्थापना के लिए न केवल के एक करोड़ रुपये बजट स्वीकृत करने की घोषणा की थी बल्कि उन्होंने इस कार्य के लिए 50 लाख रुपये की अग्रिम धनराशि भी जारी करने की सूचना दी थी।अब अरण्य पाल अधिकारी नीरज कुमार शर्मा के निर्देशन और वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश जीएस धमान्दा की देखरेख में यहाँ चहारदीवारी निर्माण का कार्य शुरू किया जा चुका है।बीते दिवस स्मृतिवन के संयोजक एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने निर्माण कार्य का जायजा लिया।उन्होंने कहा कि सुरक्षा चहारदीवारी निर्माण से पूर्व ही उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून को भावी विकास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्य मार्ग के समीप वाहन पार्किंग की जगह छोड़ने का सुझाव दिया था ताकि भविष्य में बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से यहाँ आने वाले पर्यटकों को पार्किंग की समस्या उत्पन्न न होने पाए।उन्होंने  वनमंत्री सुबोध उनियाल सहित वन विभाग का आभार जताया कि मुख्य मार्ग से उचित दूरी बनाते हुए चहारदीवारी निर्माण का कार्य किया जा रहा है।जुगलान ने कहा कि ईको पार्क के निर्माण के साथ ही स्मृतिवन में लगाये गए पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा।ताकि पौध रोपण करने वालों की पर्यावरण संरक्षण के प्रति आस्था और उनकी भावनाएं आहत न हों।
उन्होंने निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण बनाने को कहा।प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार शर्मा ने कहा कि निर्माणकार्य का निरन्तर पर्यवेक्षण किया जा रहा है।चहारदीवारी के निर्माण से यहाँ वन्यजीवों द्वारा पेड़ों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकेगा साथ ही ईको पार्क को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने से स्थानीयों सहित पर्यटकों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।गौरतलब है कि वर्ष 2019 में दो हेक्टेयर वन भूमि पर प्रशासन की देखरेख में स्मृतिवन की स्थापना की गई थी।लेकिन बार बार बड़े वन्यजीवों द्वारा हाथी खाई पार कर पेड़ पौधों को नुकसान पहुंच रहा था।अब यहाँ पत्थरों की मोटी दीवार के साथ ही सौर उर्जा बाड़ करके सौंदर्यीकरण किया जाना है जिसमें पैदल मार्ग नव ग्रह एवं नक्षत्र वाटिका की स्थापना के साथ ही गजीबो हट्स  भी निर्मित किये जाने की योजना है।पर्यटन स्थल सभी सुविधाओं से युक्त होगा।मौके पर निरीक्षण करने वालों में वन क्षेत्राधिकारी जीएस धमान्दा एवं जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान,उपराजिक अधिकारी चन्द्र शेखर भट्ट,अनुभाग अधिकारी वनदारोगा स्वयंबर दत्त कण्डवाल,वनबीट अधिकारी कु० ज्योति ,वनकर्मी सुभाष बहुगुणा, सोहन सिंह,मोहित कुमार,शिवा कुमार उपस्थित रहे।

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