देहरादून : विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों की विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, स्पीकर ऋतु खण्डूरी भूषण के फैसले को ठहराया सही

ख़बर शेयर करें -

दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड के विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे बर्खास्त कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. आपको बता दें इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधान सभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया था.

सुप्रीम कोट द्वारा एसएलपी खारिज करने के बाद कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है और एक तरफ से यह अंतिम मौका था जहां वह हुए गुहार लगा सकते थे और उनको उम्मीद थी. अब यह रास्ता भी बंद हो गया है।उत्तराखंड विधानसभा में नियमों के विरुद्ध तदर्थ नियुक्तियों के संबंध में आज सुप्रीम कोर्ट ने फिर से उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण के फैसले को सही ठहराया है. बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा दाखिल याचिका एसएलपी को मात्र डेढ़ मिनट की सुनवाई में ही निरस्त कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई डबल बेंच में हुई थी. उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील अमित तिवारी ने बताया कि वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए 72 कर्मचारियों द्वारा दाखिल की गई याचिका एसएलपी को आज सुप्रीम कोर्ट ने 1:30 मिनट में ही निरस्त कर दिया. डबल बेंच में न्यायाधीश हृषिकेश राय और न्यायाधीश मनोज मिश्रा द्वारा यह मामला सुना गया था.

ALSO READ:  ऋषिकेश :यात्रा का हुआ आगाज...गंगा स्वच्छता गोमुख संकल्प यात्रा के अंतर्गत कलश यात्रा निकली गोमुख के लिए

आपको बता दें, डबल बेंच ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण के द्वारा लिए गए फैसले को सही ठहराया. विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने नियम विरुद्ध तदर्थ नियुक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाया था. जिसमें 2016 से 2021 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 228 कर्मचारियों की विशेषज्ञ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेवाएं समाप्त की गई थी. भविष्य में विधानसभा सचिवालय में होने वाली नियुक्तियां नियम व पारदर्शिता से हो इसके लिए स्पीकर ने बकायदा नियमावली में संशोधन की पहल की थी. उत्तराखंड विधानसभा अब सीधी भर्ती के सभी खाली पदों को उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरेगी. वहीँ विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और आभार जताया है. इस संशोधन के साथ शासन ने सेवा नियमावली पर सहमति जताते हुए इसे विधानसभा को लौटा दिया है. साथ ही संशोधित नियमावली में विधायी को फिर से विधानसभा का प्रशासकीय विभाग बनाने का प्रावधान किया गया है। फैसले के बाद विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के लिए अंतिम अवसर भी अब हाथ से चला गया है।

ALSO READ:  स्कूटी से ले जा रहे थे शराब रायवाला में दो गिरफ्तार, स्कूटी सीज

आपको बता दें विधानसभा भर्ती घोटाला होने के बाद प्रदेश भर में युवाओं में काफी आक्रोश देखा गया था. कई जगह विरोध प्रदर्शन देखा गया था. ऐसे में बड़ा सवाल अब है जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कब होगी ?

Related Articles

हिन्दी English