प्रिंसिपल ने “84 छात्रों के लंबे बाल” कटवाए…इस स्कूल में, विरोध भी हुआ लेकिन समर्थन में भी आये काफी लोग, पुलिस भी सहमत

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स्कूल अनुशासन के लिए जाना जाता है. ऐसे में अनुशासन तोड़ा गया तो सजा मिलना लाजमी है. वही किया प्रिंसिपल ने. उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित मारवाड़ इंटर कॉलेज स्कूल के प्रिंसिपल ने सुबह की सभा के दौरान कक्षा 9 से 12 तक के 84 छात्रों के लंबे बालों को कटवाया। उन्होंने इसे स्कूल के नियमों को तोड़ने की सजा करार दिया। हालांकि, प्रिंसिपल के इस कदम को अपमानजनक बताते हुए, कुछ माता-पिता ने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की है। हालाँकि जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया अभी तक उन्हें लिखित में कुछ भी नहीं दिया गया है।

स्कूल असेंबली के दौरान बाल कटवाने वाले छात्रों में से एक ने कहा कि हमारे प्रिंसिपल राजेश यादव ने लगभग 84 छात्रों को एक पंक्ति में खड़े होने के लिए कहा था। फिर उन्होंने हम सभी को अपने घुटनों पर बैठने के लिए कहा और फिर हमारे बाल काटने लगे। प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रों और यहां तक कि उनके माता-पिता को भी कई मौकों पर उनके लंबे बालों के बारे में चेतावनी दी गई थी, लेकिन जब उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो उन्होंने उन्हें सबक सिखाने का फैसला किया। हमने ऐसा ना करने को कहा था, और कहा था कि हम नाई से बाल कटवाएंगे, लेकिन उन्होंने हमें जाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने पुलिस को बुलाया और स्कूल परिसर के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

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प्रिंसिपल ने तस्वीरें लीं और सजा का वीडियो बनाया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। संकाय सदस्यों ने यह भी कहा कि वे प्रिंसिपल के पूरी तरह से समर्थन में है।स्कूल की शिक्षिका बबीता तोमर ने कहा कि ऐसा करना जरूरी था,ताकि छात्र अनुशासित रहें। इन छात्रों को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उनमें से कई के बाल लंबे के साथ रंगीन बाल भी थे।उन्होंने कहा कि छात्र बहुत लंबे समय तक घर पर रहे है, और अपने बाल को उन्होंने बढ़ा लिया है। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। मैंने उन्हें सबक सिखाने के लिए उनके बाल कटवाए। छात्रों को अनुशासन सिखाना मेरा कर्तव्य है।प्रिंसिपल यादव ने आगे दावा किया कि किसी भी माता-पिता ने उनकी सजा पर आपत्ति नहीं की थी। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मुझे बुलाया लेकिन मैंने उन्हें पूरी कहानी बता दी। वे भी मुझसे सहमत थे और कहा कि मैंने जो किया वह सही था।

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