“मकान मालिक युद्ध लड़ने चला गया” पत्नी और 3 बच्चों को छोड़ गया, ऐसे में कैसे छोड़ दूँ इनको ?” नेहा सांगवान ने इंडिया आने से किया इंकार

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दिल्ली : बात आधुनिक जमाने की है. युद्ध चल रहा है और कोई अपने देश की तरफ भाग रहा है तो कोई कह रहा है नहीं आउंगी. उन्ही में से एक नेहा सांगवान है जो हरियाणा की रहने वाली है. युद्ध के बीच इस तरह के फैसले को हम सही या गलत नहीं कह सकते हैं यह काम पाठकों का है. आपको बता दें, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हरियाणा की नेहा सांगवान ने भारत लौटने से मना कर दिया है.

नेहा का कहना है कि उसका मकान मालिक युद्ध पर चला गया है, वह मकान मालकिन और उसके तीन बच्चों को ऐसे हालात में छोड़कर नहीं जा सकती .. परिवार के सदस्यों ने बेटी को वापस भारत आने का कई बार प्रयास किया लेकिन उसने साफ कर दिया है कि वह यहां इनकी सेवा करेगी. अब कौन समझाए युद्ध है….सेवा, कर्तव्य भी कई बार मायने नहीं रखते..खैर. हरियाणा के चरखी दादरी जिले की निवासी 17 वर्षी नेहा सांगवान एक साल पहले मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गई थी। कॉलेज का हॉस्टल नहीं मिला तो उसने सिविल इंजीनियर के घर पर किराये पर कमरा लिया।

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नेहा एक सैनिक की बेटी है। पिछले साल ही उसके पिता का निधन हो गया था। उनकी मां अध्यापिका हैं और लगातार बेटी से संपर्क साधकर वहां के हालात के बारे में जानकारी ले रही हैं. अब रूस के साथ युद्ध होने के चलते मकान मालिक सेना में भर्ती हो गए हैं और युद्ध पर निकल गए हैं.इसे देखते हुए मकान मालिक का परिवार और नेहा बंकर में समय बीता रहे हैं. नेहा का कहना है कि जब उसे हॉस्टल में कमरा नहीं मिला था तो इसी परिवार ने उसे अपने परिवार के सदस्य की तरह रखा. अब ये मुसीबत में हैं तो इनको अकेले नहीं छोड़ सकती. अब युद्ध में “भावनाएं” कितनी कारगर होती हैं…यह तो वक्त ही बताएगा. भारतीय होने के नाते हम तो यही चाहेंगे नेहा आ जाए और वहां रह रही है तो शकुशल रहे इतना प्रार्थना कर सकते हैं. 

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NOTE-सुरक्षा की दृष्टि से पहचान सार्वजनिक नहीं की गयी उस जगह की और फोटो की .

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