घुंघरू की झनकार से गूंज उठा हॉल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश का,  सुर और ताल का देखने को मिला अनोखा संगम

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  • विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में लगी क्लासिकल म्यूजिक की भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय क्लास
ऋषिकेश :राग की सरगम छेड़ते हो जब दीप दिलों में जलते हैं। तान अलाप जो लेते हो जब मन में घुंघरू बजते हैं...ये शब्द ऋषिकेश ये विद्या मंदिर विद्यालय में बुधवार को देखने को मिला. जब  मुम्बई की निकिता का उत्कृष्ट प्रदर्शन देखने को मिला.  18 वर्ष से अपने नृत्य की कला में उत्कृष्ट प्रदर्शन रही वर्तमान में    अपनी नृत्य कला में पी.एच.डी धारक निकिता  ने अपने कथानक , अभिनय, और शिव आराधना और कृष्ण कथा को एक नृत्य कर  छात्र छात्राओं के बीच समा बांधा साथ ही उन्हें क्लासिकल म्यूजिक और भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को कैसे सीखा जाए ओर ताल पक्ष से सम्बन्धित के महत्वपूर्ण टिप्स दिए और विद्यार्थीयो को बताया कि सुर और ताल के सूत्रों द्वारा कैसे प्रयोग किया जाता है |
विपुल गोयल ने इस पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सोसायटी (स्पिक मैके ) एक स्वैच्छिक युवा आंदोलन है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत , शास्त्रीय नृत्य , लोक संगीत, योग , ध्यान , शिल्प और अन्य पहलुओं को बढ़ावा देकर भारतीय सांस्कृतिक विरासत के अमूर्त पहलुओं को बढ़ावा देता है। भारतीय संस्कृति का; यह दुनिया भर के 300 से अधिक शहरों में अध्यायों वाला एक आंदोलन है। स्पिक मैके की स्थापना डॉ. किरण सेठ ने 1977 में आईआईटी दिल्ली में की थी ।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत और विद्यालय परिवार की और से निकिता (नर्तकी) का और विपुल गोयल का बैज अलंकरण कर हुआ स्वागत सम्मान और अभिवादन किया  गया ।इस मौके पर उप प्रधानाचार्य नागेंद्र पोखरियाल,सतीश चौहान, नंद किशोर भट्ट, कर्णपाल बिष्ट, नरेंद्र खुराना,  विनय सेमवाल,लक्ष्मी चौहान और विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

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