58 घोटालों की पोटली में से निकला पहला घोटाला बाहर ऋषिकेश नगर निगम का, आशुतोष शर्मा ने की ED से जांच की मांग
ऑडिट रिपोर्ट में हुआ 1 करोड़ 30 लाकह 50 हजार का घोटाला का खुलाशा मचा हड़कम्प
- नगर निगम ऋषिकेश में घोटाला का पार्ट -1 आया सामने,आशुतोष शर्मा ने रखा ऋषिकेश प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर सामने,ED की जांच की मांग : आशुतोष शर्मा
- कुल 1 करोड़ 31 लाख का घोटाला, बिजली के बल्बों की खरीद में घोटाला का आरोप, लोकल बल्ब खरीद का आरोप
- दो कंपनियों को मिला टेंडर, दोनों के मालिक एक ही, दोनों कंपनी दूसरे राज्यों की : आशुतोष शर्मा
- नियम 35 के अनुसार 2-5 लाख से अधिक मूल्य की सामग्री का क्रय एवं 25 लाख रुपये के निर्माण कार्य म-प्रोक्योरमेंट के माध्यम से ही होने चाहिए था लेकिन नहीं हुआ: आशुतोष शर्मा
- फाइनेन्शियल बिड खोले बिना एक ही निविदादाता सहारनपुर की फर्म को L1 मानकर कार्यादेश जारी किया गया: आशुतोष शर्मा
- लाइटों की कीमत 4350 रुपये लगाईं बिल में जो कि ब्राण्डेड फर्म के मूल्यों से बहुत ज्यादा थी ; आशुतोष शर्मा
- ऋषिकेश के विकास में लगने वाला धन बाहरी राज्य की फर्मों को देना एक प्रकार से खुली लूट ; आशुतोष शर्मा
- मैसर्स दुर्गा इलैक्ट्रिकल्स, गंगोह, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) की कम्पनी से भी 5000 अनब्र्राण्डेड लाईट खरीदी गयी। उक्त दोनों फर्मों के प्रोपराइटर/मालिक एक ही हैं ; आशुतोष शर्मा
ऋषिकेश : गुरुवार को उत्तराखण्ड जन विकास मंच द्वारा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, बजट मैनुअल, वित्तीय नियम में उल्लेखित प्रावधानों के विरुद्ध जाकर नगर निगम ऋषिकेश ने 70 वाट की आवश्यकता से अधिक मात्र में 1-31 करोड़ रुपये की विद्युत लाइटों की खरीद को लेकर पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी है। नियम 35 के अनुसार 2-5 लाख से अधिक मूल्य की सामग्री का क्रय (खरीदे जाना) एवं 25 लाख रुपये के निर्माण कार्य म-प्रोक्योरमेंट के माध्यम से ही होने चाहिए। नगर निगम ऋषिकेश की लेखा परीक्षा में पाया गया है कि 3000 लाईट जिसका मूल्य 1,3050,000-00 था. (एक करोड़ तीस लाख 50 हजार) जिसको फाइनेन्शियल बिड खोले बिना एक ही निविदा दाता सहारनपुर की फर्म को L1 मानकर कार्यादेश जारी किया गया, जिसमें गुणवत्ता की अवहेलना की गई और अनब्रांडेड सामग्री का क्रय किया गया। जबकि ख्याति प्राप्त अनेकों विनिर्माता फर्म यथा सिस्का कम्पनी की 70 वाट लाईट की कीमत जेम पोर्टल पर रु- 1800 और 1000 रु- अतिरिक्त जी-एस-टी-, हेवल्स इण्डिया लिमिटेड 3093 रुपये, ओरिएण्ट 2917 रुपये जबकि अनब्रांडेड मैसर्स एलोग्रीन की लाइटों की कीमत 4350 रुपये जो कि ब्राण्डेड फर्म के मूल्यों से बहुत ज्यादा थी। पूर्व में मैसर्स दुर्गा इलैक्ट्रिकल्स, गंगोह, सहारनपुर की कम्पनी से भी 5000 अनब्र्राण्डेड लाईट खरीदी गयी। उक्त दोनों फर्मों के प्रोपराइटर एक ही हैं तथा नगर निगम द्वारा अनब्राण्डेड लाइटों का क्रय करके लोकधन का दुरुपयोग किया गया तथा विक्रेता फर्म को लाभ पहुँचाया गया। उक्त फर्में न तो विनिर्माता फर्म हैं और न ही ख्याति प्राप्त फर्म।लेखा परीक्षा में नगर निगम ऋषिकेश द्वारा ई-वे बिल, ट्रांसपोर्टर की भाड़े की बिल्टी की छाया प्रति भी लेखा विभाग उत्तराखण्ड को प्रदान नहीं की गई। न ही उक्त प्रकरण को लेकर कोई संतोषजनक जवाब प्रस्तुत किया गया। लेखा परीक्षा के दौरान परीक्षक द्वारा अंदेशा व्यक्त किया गया कि नगर निगम ने फर्म से सामग्री को प्राप्त किये बिना ही फर्म के बिलों पर भुगतान किया गया, जिसकी वसूली सम्बन्धित अधिकारियों, कर्मचारियों व विक्रेता फर्म से मय ब्याज सहित करने की टिप्पणी सम्प्रेक्षा में लम्बित होगी।इस प्रकार नगर निगम ऋषिकेश द्वारा ख्याति प्राप्त फर्मों की जगह गंगोह सहारनपुर व बाहरी राज्य की फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्यादेश जारी किया गया।जिससे ऋषिकेश के विकास में लगने वाला धन बाहरी राज्य की फर्मों को देना एक प्रकार से खुली लूट है। जिसका उत्तराखण्ड विकास मंच विरोध करता है. सरकार से मांग करता है कि दोषियों से ब्याज सहित वसूली कर इन पर उचित कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें।
कुल 58 घोटाले हुए हैं जिनमें यह पहला पार्ट है घोटालों का, बाकि माइक्रो लेवल में पता नहीं कितने होंगे : आशुतोष शर्मा
घोटालों की सीरीज को सामने लाते हुए पार्ट -1 घोटाला प्रेस वार्ता के दौरान आशुतोष शर्मा ने रखा. इस दौरान उन्होंने बतया, उनके पास 58 बढ़े घोटाले हैं जिनमें से यह पहला घोटाला सामने आया है. पता नहीं माइक्रो लेवल में कितने घोटाले होंगे. यह 2021 -22 के घोटाले हैं. अभी अगला घोटाला भी वे जनता के सामने रखेंगे. फिर भी कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट जायेंगे. शर्मा ने कहा, पूर्व में नगर पालिका और नगर निगम के कर्मचारी, अधिकारी या जनप्रतिनिधि की मिली भगत से हुआ था घोटाला. आशुतोष शर्मा इस दौरान मांग की मामले में ED द्वारा जांच की जाए. उन्हूने कहा, मंत्री भी इसी शहर के हैं. शहरी विकास को भी हम यह जानकारी देंगे. देखते हैं क्या कार्रवाई करते हैं वे. सुधीर राय रावत ने कहा, यह बड़ा मामला है, जनता का पैसा है, इसको इस तरह घोटाला करके नहीं ख़त्म करना चाहिए. जो भी इसमें दोषित है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, इसकी जांच हो पहले सक्षम एजेंसी से. फिर चाहे वो जनप्रतिनिधि हो, अधिकारी, हो कर्मचारी हो या अन्य हो ….जो भी उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. प्रेस वार्ता के दौरान रुकम पोखरियाल, सुधीर राय रावत, राजकुमार बर्थवाल, सुभाष जाटव, जनार्दन नवानी, पकज जाटव आदि लोग शामिल रहे.