दीपावली का पर्व 21 अक्टूबर को ही मनाया जायेगा : वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश


ऋषिकेश : बुधवार को दिनांक 15/10/2025 को वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश उत्तराखंड की एक विशेष बैठक महासभा के प्रधान कार्यालय जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा मायाकुंड में महासभा के अध्यक्ष पंडित जगमोहन मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में देवभूमि के ज्येष्ठ श्रेष्ठ शास्त्रज्ञ ज्योतिषीय विद्वानों ने प्रतिभाग किया. बैठक का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म का प्रमुख त्यौहार दीपावली महापर्व कब मनाया जाए ? ,20,अक्टूबर या 21 अक्टूबर ? क्यूंकि कुछ दिनों सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार की भ्रम युक्त बाते देखने को मिल रही हैं. ऐसे में महासभा का कर्तव्य है कि भ्रम की स्थिति को दूर किया जाय.

उपस्थित सभी ज्योतिषाचार्यों ने कही शास्त्रीय प्रमाण रखकर यह निर्णय किया कि दीपावली का महापर्व 21 अक्टूबर को ही मनाया जाना शास्त्र सहमत है. सभा में उपस्थित समस्त विद्वानों ने निर्णय सिंधु,धर्मसिंधु, पुरुषार्थ चिंतामणि,तिथि निर्णय आदि अनेकानेक धर्म ग्रंथों का मंथन करते हुए स्पष्ट शास्त्र कथन प्रस्तुत किया गया. त्रिमुहूर्त नियम के अनुसार (त्रि व्यापिनी तिथिरेव ग्राह्य) यदि अमावस्या तिथि दिन के अंतिम तीन मुहूर्त यानी सूर्यास्त से पूर्व लगभग चार घंटे तक विद्यमान हो तो वहीं दिन लक्ष्मी पूजन के लिए ग्राह्म है।जो कि 21 अक्टूबर को अमावस्या त्रिमुहूर्त सूर्यास्त स्पर्श सहित विद्यमान है।युग्मवाक्यनुसार-(युग्मानि युग भूतानां,षणमुन्योः वसुरन्ध्रयोः, रुद्रेणद्वादशीयुक्ता, चतुर्दशी च पूर्णिमा। प्रतिपदायमावस्या तिथ्यो:युग्म महाफलम्, एतत्ह्यस्ते महघोर हन्ति पुण्यं पुराकृतम।।) प्रदोष काल में अमावस्या के बाद प्रतिपदा का युग्म (संयोग) मुहूर्त शास्त्रों में महापुण्य दायी कहा गया है।इसके अतिरिक्त चतुर्दशी रिक्ता तिथि एवं अमबौके योग को अनिष्टकारी कहा गया है।इस प्रमाण के अनुसार भी 21 को ही दीपावली का महापर्व मनाया जाना चाहिए।अन्य भी कही शास्त्रीय प्रमाणों से महासभा ने यही निर्णय किया कि दीपावली महापर्व 21 अक्टूबर को ही मनाया जाना उचित है।बैठक में महासभा के अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा,महामंत्री आचार्य शिवप्रसाद सेमवाल,गंगाराम व्यास,जितेंद्र भट्ट,मनोज सिलसवाल,केशव बहुगुणा, जमुना प्रसाद कलोनी,दिनेश तिवारी,अमित कोठारी, पंडित सोमनाथ,मुकेश थपलियाल,सुरेश पन्त,मोहित भट्ट,आयुष कोठारी,आयुष गौड़ आदि उपस्थित थे।
