25 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे, 21 नवंबर से होगी पंच पूजाएं शुरू

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  • बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की उपस्थिति में बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित समारोह में कपाट बंद की  तिथि की हुई घोषणा
श्री बदरीनाथ धामः  2 अक्टूबर । विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार 25 नवंबर को  अपराह्न 2 बजकर  56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे । कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत 21   नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी।
आज विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी  इस अवसर पर विशेष रूप से  मौजूद रहे । बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती एवं बीकेटीसी सदस्यों मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल हकहकूकधारियों तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित भब्य धार्मिक समारोह में  रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद की तिथि की घोषणा की इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट , अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना पश्चात तिथि का विनिश्चय किया। बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने 2026 के लिए हक हकूकधारी धारियों को पगड़ी भेंट की तथा सभी थोंकों के  पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया।भंडारी थोक से मनीष भंडारी,मेहता थोक से महेंद्र सिंह मेहता एवं दिनेश भट्ट,कमदी थोक से कुलभूषण पंवार को पगड़ी भेंट की गयी।
 बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कपाट बंद होने की तिथि तय होने के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में अपने संबोधन तीर्थयात्रियों,हकहकूकधारियोंसभी  को बधाई दी। कहा कि आपदा के बाद  दूसरे चरण की यात्रा हेतु अभी एक माह का समय शेष है कहा कि मानसून की आपदा के बावजूद अभी तक – 1420357 से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन कर लिए है तथा 1602420  से अधिक ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये है इस तरह दोनों धामों में 3022777 से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए है। कहा कि  यह गर्व का विषय है कि  राष्ट्र निर्माण को समर्पित राष्ट्रीय सेवक संघ के आज सौ वर्ष पूरे हुए है वही आज 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी, लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती है देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश में देश में स्वच्छ भारत मिशन चल रहा है प्रदेश सरकार ने स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित किया है।
उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों से बदरीनाथ केदारनाथ यात्रा हेतु भी अपील की। समारोह को बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती तथा  वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित एवं बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने भी संबोधित किया।  कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजाओं के  पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी।शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। दूसरे दिन  22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे  दिन 23   नवंबर को खडग – पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा।चौथे दिन  24  नवंबर मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग चढाया जायेगा 25 नवंबर को 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट  शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
26 नवंबर को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी।पूजाओं को रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट संपन्न करेंगे।आज  अवसर पर,बीकेटीसी सदस्य महेंद्र शर्मा, प्रह्लाद पुष्पवान देवीप्रसाद देवली, धीरज मोनू पंचभैया ,राजेंद्र प्रसाद  डिमरी, नीलम पुरी, पूर्व सदस्य भास्कर डिमरी सहित  बदरीनाथ प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,  प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी  डा. हरीश गौड़ सुधाकर बाबुलकर सहित अधिकारी कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित हक- हकूहकधारी तथा श्रद्धालुजन मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम तथा श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 23 अक्टूबर तथा श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर 22 अक्टूबर अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद हो रहे है। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

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