रूस की दुल्हन और भारत का दूल्हा, पहुंचे रायवाला सत्यनाराण मंदिर हुए एक दूजे के, दिनारा बोली “या ल्यूब ल्यू”
Невеста из России и жених из Индии, приехав в храм Сатьянаран в Райвале, встретились, Динара сказала "или лубэ люэ"
ऋषिकेश : रायवाला इलाके में सत्यनारायण मंदिर एक बार फिर से दो संस्कृतियों के मिलन का गवाह बन गया. प्राचीन मंदिर में रविवार को दो संस्कृतियों का मिलन देखने को मिला. हजारों किलोमीटर दूर की दुल्हन भारत पहुंची और भारतीय युवक से सनातनी विधि विधान से शादी कर भारतीय युवक की हो गयी. नई नवेली रूसी दुल्हन दिनारा ने नाम बदलकर अब देवकी देवी रख लिया है.
एक तरफ रूस और यूक्रेन का युद्ध की वजह से दो पड़ोसी दुश्मन बन गए है वहीँ दूसरी तरफ इस तरह की तस्वीरें दोस्ती, मित्रता, अमन और प्यार का पैगाम फैलाती हैं. शादी के बाद दिनारा ने अपने पति को भगवान् के आगे कहा “या ल्यूब ल्यू” यानी रूसी भाषा में इसका अर्थ होता है आई लव यू (I Love You). फिर दिनारा यानी देवकी देवी शर्मा गयी…रूस की दिनारा और वृंदावन निवासी कदम्ब कानन दास भारतीय रीति रिवाज के अनुसार शादी की रस्में अदा कर एक-दूसरे के हो गये. इस दौरान दिनारा की माता विनेरा ने कन्यादान की रस्म पूरी की. दूल्हे के परिजन व नजदीकी रिश्तेदार भी शादी समारोह में मौजूद रहे.
दूल्हा बने कदम्ब कानन दास का पूरा नाम है कोडंद रामा रेड्डी मूल निवासी आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के रहने वाले हैं ने बताया कि वह श्री धाम वृंदावन में रहकर मंदिर में पूजा-पाठ व सेवा करते हैं दिनारा से उनकी मुलाकात भी वृंदावन धाम में हुई. धीरे-धीरे पहचान घनिष्ठ होती गयी. गुरु के आदेश पर विवाह करने का निर्णय लिया और रूसी दुल्हन दिनारा भी सहर्ष सनातन संस्कृति व जीवन शैली को अपनाने के लिए तैयार हो गयी. कृष्ण धाम वृंदावन से प्रभावित दिनारा ने भी अपना नाम बदलकर देवकी देवी रख लिया. दिनारा की कुंडली बनाकर मिलान किया तो अच्छे गुणों के साथ मिल गयी. तब दोनों ने ऋषिकेश में आकर शादी करने का निर्णय लिया. वहीं सत्यनारायण मंदिर में शादी समारोह में दोनों के परिजन भी काफी खुश नजर आए. दिनारा के परिजन हिंदी या इंग्लिश नहीं जानते थे वे केवल रूसी भाषा में ही बोल रहीं थी.वहीँ शादी के दौरान दिनारा की माँ एक ही शब्द बार बार बोल रही थीं “स्पासिबा” यानी थैंक यू.
जहाँ तक शादी में अहम रोल निभाने की बात करें तो आचार्य टीकाराम नैथानी दीपक थपलियाल व मंदिर के पुजारी राज किशोर तिवारी की विशेष भूमिका रहीं. इन्होने पूरे विधि विधान शादी की रस्म पूरी कराई और विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किया. इस दौरान पंडित राज किशोर तिवारी ने कहा कि विदेशी लोग भी सनातन धर्म और संस्कृति को मान रहे हैं.हमारे यहाँ मंदिर में कई विदेश से आये हुए युवकों और युवतियों की शादियों हो चुकी हैं लेकिन एक बात है जो अच्छी है कि विदेशी महिलाएं सरल और गुणवान भारतीय पुरुषों को अपना जीवन साथी बनाना पसंद कर रही हैं.
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