ऋषिकेश :ईश्वर आश्रम में दो दिवसीय रामार्चन पूजा का भव्य आयोजन, मां गंगा की भव्य आरती एक साथ हुआ समापन

ख़बर शेयर करें -
  • महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरदास  महाराज की अध्यक्षता मे ईश्वर आश्रम शीशम झाड़ी में मनाया जा रहा था महोत्सव.
  • श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने भगवान श्रीराम के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित की
  • शीशम झाडी स्थित गंगा तट पर महामंडलेश्वर ईश्दावर दास   महाराज के सानिध्य में माँ गंगा का दुग्धाभिषेक कर मां गंगा का पूजन किया गया 

ऋषिकेश : (मनोज रौतेला)  ईश्वर आश्रम में  21वां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद  गुरूवार को रामार्चन पूजा आयोजन  का  हुआ समापन.   दो दिवसीय रामार्चन पूजा का भव्य आयोजन यहाँ पर किया गया था.   महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरदास  महाराज की अध्यक्षता मे ईश्वर आश्रम शीशम झाड़ी में मनाया जा रहा था महोत्सव. गुरूवार को सैकड़ों भक्तों और संतों ने प्रसाद ग्रहण कर श्री राम के चरणों के दर्शन किये. उसके बाद देर शाम मां गंगा आरती की गयी.  आपको बता दें,  बुधवार को   प्रथम दिवस कार्यक्रम में पहुंचे  थे  कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल जगतगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य महाराज द्वाराचार्य जगद्गुरु स्वामी दयाराम योगानंदाचार्य मौजूद रहे थे. इस दौरान,    कार्यक्रम का संचालन महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने किया था. इस अवसर पर कई संतों और समाज के प्रतिष्ठित लोगों के अलावा   तपोवन से आये हुए एडवोकेट रमा बल्लभ भट्ट ने महाराजश्री को श्री राम की तस्वीर भेंट कर  और अंग वस्त्र पहना कर उनका सम्मान अभिनंदन  किया.

ALSO READ:  नाबालिक युवती को लेकर पहले पंजाब, फिर हैदराबाद फिर गाजियाबाद ले गया अभियुक्त, आंखिर हुआ गिरफ्तार नाबालिक भी बरामद
रामचरन पूजा का भव्य आयोजन धार्मिक श्रद्धा और उत्साह के साथ शुभारंभ हो कर समापन हो गया है. आये  हुए सभी संतों ने मिलकर विधिवत पूजा-अर्चना संपन्न की . पूरे आयोजन स्थल को सुंदर पुष्पों और दीपों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने भगवान श्रीराम के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित की। पूजन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से रामचरन पूजा की गई, जिसमें स्थानीय भक्तों के अलावा आसपास के गांवों और शहरों से भी श्रद्धालु उपस्थित रहे। स्वामी ईश्वरदास जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, इसी दिन रामेश्वरधाम की स्थापना हुई थी. आज पवित्र दिन दिन है गंगा दशहरा भी है.  “भगवान राम केवल एक राजा नहीं, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनके चरणों की पूजा करना आत्मशुद्धि का मार्ग है। जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान के चरणों का स्मरण करता है, उसे जीवन में सफलता और शांति दोनों प्राप्त होती है।” पूजा के उपरांत भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं,संतों  ने प्रसाद ग्रहण किया। शाम के वक्त शीशम झाडी स्थित गंगा तट पर महामंडलेश्वर ईश्दावर दास   महाराज के सानिध्य में माँ गंगा का दुग्धाभिषेक कर मां गंगा का पूजन किया गया.  आयोजन को सफल बनाने में समिति के सभी कार्यकर्ताओं का योगदान सराहनीय रहा।

Related Articles

हिन्दी English