परमार्थ में स्वामी चिदानन्द सरस्वती  की राज्यपाल, उत्तर प्रदेश  आनंदीबेन पटेल  और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव  दुर्गाशंकर मिश्रा  से शिष्टाचार भेंटवार्ता हुई

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  • राज्यपाल, उत्तरप्रदेश, आनंदीबेन पटेल को परमार्थ निकेतन गंगा जी की आरती में सहभाग हेतु विशेष रूप से किया आमंत्रित
  • दुर्गाशंकर मिश्रा  को इलायची की माला,  गणेश  की प्रतिमा और रूद्राक्ष का दिव्य पौधा उनके उत्कृष्ट सेवा कार्यो के लिये किया भें
  • प्रयागराज कुम्भ मेला के अवसर पर धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक व भारतीय संस्कृति के संवर्द्धन हेतु किये जाने वाले कार्यो के विषय में हुई विस्तृत चर्चा
ऋषिकेश/लखनऊ, 27 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  की उत्तरप्रदेश की  राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल और उत्तरप्रदेश की मुख्यसचिव  दुर्गाशंकर मिश्रा के शिष्टाचार भेंटवार्ता हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने  राज्यपाल, उत्तरप्रदेश  आनंदीबेन पटेल और  दुर्गाशंकर मिश्रा  को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिये शुभकामनायें देते हुये कहा कि  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  के कुशल नेतृत्व में माँ गंगा के पावन तट पर एक नया इतिहास बनने जा रहा है। प्रयागराज में अद्भुत घाटों का निर्माण किया जा रहा है।
प्रयागराज में माँ गंगा  की आरती नित्य होती रहें इसलिये स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने इस हेतु  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  के विनम्र आग्रह किया था। अब वहां पर मुख्यसचिव  दुर्गाशंकर  और प्रयागराज प्रशासन के मार्गदर्शन में ऐतिहासिक व विशाल घाट का सफलतापूर्वक निर्माण किया जा रहा है। जैसे ही घाट का कार्य पूर्ण हो जायेगा परमार्थ निकेतन की ओर से नित्य दिव्य व भव्य माँ गंगा  की आरती का क्रम शुरू किया जायेगा। उत्तरप्रदेश में चारो ओर अनेक विकास के कार्य सम्पादित हो रहे हैं। विकास की योजनाओं का चारों ओर दर्शन हो रहा है। उत्तरप्रदेश, उत्तमप्रदेश बनने की राह पर तीव्र गति से अग्रसर है। उत्तर प्रदेश का नेतृत्व  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  के सबल व कुशल हाथों में हैं। आगामी महाकुम्भ प्रयागराज, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से ऐतिहासिक होने वाला हैं।  योगी के उत्कृष्ट नेतृत्व व मार्गदर्शन में जारी यह यात्रा दिव्य, भव्य और ऐतिहासिक होगी।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने संगम तट पर निर्मित ’त्रिवेणी पुष्प’ के लिये भी  मुख्यमंत्री  व मुख्यसचिव दुर्गाशंकर  को धन्यवाद दिया। त्रिवेणी पुष्प का उद्देश्य  प्राचीन भारतीय परंपरा, सांस्कृतिक इतिहास को एक साथ लाना और मानवीय गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला को एकजुट करना तथा युवाओं के उत्थान के लिये प्रेरक कार्यक्रम, समाज के आध्यात्मिक उत्थान, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य देखभाल, पारिस्थितिक तंत्र और पर्यावरण जागरूकता, गुरूकुल वैदिक शिक्षा आदि परियोजनाओं पर कार्य करना है।
स्वामी  ने कहा कि प्रयागराज हमेशा से शिक्षा, संस्कृति, परंपरा और धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है। चाहे आधुनिक शिक्षा हो या वैदिक शिक्षा प्रयागराज दोनों में सदैव आगे रहा है। प्राचीन काल से ही प्रयागराज के कुंभ मेले ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया है। त्रिवेणी पुष्प के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक परंपराओं का प्रदर्शन कुम्भ के दौरान पूरे विश्व को होगा। यह देश में तीर्थाटन और पर्यटन के सबसे लोकप्रिय स्मारकों का प्रतिनिधित्व करेगा। ‘त्रिवेणी पुष्प’ को एक भौतिक प्रतीक और त्रिवेणी संगम की पहचान बनाना और ‘तीर्थ राज प्रयाग को एक       दृश्यमान तीर्थ राज बनाना  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  का उद्देश्य है ताकि भारतीय संस्कृति व पारंपरिक मूल्यों का संवर्द्ध्र्रन किया जा सके।
मुख्य सचिव  दुर्गाशंकर मिश्रा  ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से आशीर्वाद स्वरूप श्रीगणेश  की प्रतिमा स्वीकार करते हुये कहा कि जब भी आपसे भेंट होती है उत्तरप्रदेश के विघ्नों को हरने वाले प्रभु श्री गणेश की प्रतिमा आप से आशीर्वाद स्वरूप मुझे प्राप्त होती है ताकि समाज में शान्ति, सुख व समृद्धि बनी रहे।  गणेश  की प्रतिमा की स्थापना उत्तरप्रदेश के विघ्नों का हरण करने के लिये आज सचिवालय में स्थापित की गयी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने  दुर्गाशंकर को इलायची की माला, रूद्राक्ष का दिव्य पौधा और  गणेश  की प्रतिमा भेंट की।

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