स्वामी चिदानन्द सरस्वती और कानून व न्याय मंत्री, भारत सरकार,  अर्जुन राम मेघवाल  की दिल्ली में हुई  भेंटवार्ता

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  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती और कानून व न्याय मंत्री, भारत सरकार,  अर्जुन राम मेघवाल  की हुई  भेंटवार्ता
  • महाकुम्भ प्रयागराज, 2025 हेतु किया आमंत्रित
  • स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, श्री अर्जुन राम मेघवाल जी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पाना देवी जी ने उनके आवास पर रोपित किया रूद्राक्ष का पौधा
  • देश की सेवा एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु समर्पित जीवन
  • सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता
  • सेवा और न्याय के बिना समाज का विकास संभव नहीं-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश :  परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और कानून व न्याय मंत्री, भारत सरकार  अर्जुन राम मेघवाल  की दिल्ली में  भेंटवार्ता हुई। स्वामी  ने माननीय मंत्री  को कीवा कुम्भ मेला में सहभाग हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया।अर्जुन राम मेघवाल भारतीय संस्कृति के उपासक, देशभक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पित जीवन जीने वाले अद्भुत व्यक्तित्व है। उन्होंने अपने पूरे जीवन की आहुति देश की सेवा एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु समर्पित कर दी। उनकी सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता है।  मेघवाल  ने हमेशा ही समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए कार्य किया है। वे समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं और उनके कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।  मेघवाल  ने महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वे नारियों के अधिकारों और उनके सम्मान प्रति सदैव ही सजग रहते हैं। उनकी भक्तिमति मीरा बाई के प्रति अपार श्रद्धा है। उन्होंने भारतीय संस्कृति, विरासत और धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी अनेक प्रयास किए, उनका मानना हैं कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है और इसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। अर्जुन राम मेघवाल  ने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती  के जीवन और उनके कार्य हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके द्वारा वैश्विक स्तर पर की जा रही सेवाएँ और सम्पूर्ण मानवता के संरक्षण हेतु समर्पण अद्भुत है। गंगा  की आरती के माध्यम से पूज्य स्वामी  प्रतिदिन न केवल युवाओं को, आस्थावानों को बल्कि पूरे समाज को जाग्रत कर एक नई दिशा प्रदान करने का उत्तम कार्य कर रहे हैं। उनकी साधना को नमन। अर्जुन राम मेघवाल जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और समाज के प्रति हमारा दायित्व है कि हम इसे संरक्षित करें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।

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दोनों विभूतियों ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। स्वामी  ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर ही हमारी पहचान है, और इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और सेवा ही समाज को समृद्ध और सशक्त बना सकते हैं। अब समय आ गया कि समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए संत, समाज और सरकार मिलकर कार्य करें क्योंकि सेवा और न्याय के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने माननीय मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल  को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।  मंत्री  और उनकी धर्मपत्नी  पाना देवी  ने  स्वामी  के पावन सान्निध्य में अपने प्रांगण में रोपित किया।

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