ऐसे युवक हुआ ऑन लाइन ठगी का शिकार, साइकिल मार्टहब के द्वारा ₹1000 में दी जा रही थी जो नहीं मिली, पैसे गए
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दीपांकुश चित्रांश की रिपोर्ट-
खबर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से है जहाँ जिले में ऑन लाइन ठगी करने का फार्मूला बहुत तेजी से फल फूल रहा है,ताजा मामला गभड़िया मोहल्ले से सामने आया है,गभड़िया निवासी गौरव श्रीवास्तव की माने तो 18 जुलाई को उनके साथ एक ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है फेसबुक के माध्यम से एक ऑफर आया मेरे पास जिस ऑफर में एक साइकिल मार्टहब के द्वारा ₹1000 में दी जा रही थी उन्होंने उस साइकिल को मार्ट हब द्वारा साइकिल का ऑर्डर कर दिया जिसका पेमेंट ऑनलाइन उनके मोबिक्विक से राजोर पे द्वारा मां खोंडल क्रिएशन को किया गया और मुझे ऑर्डर नंबर और जल्द से जल्द सूचना देने का आश्वासन मेल पर आया पर लगभग सात से आठ दिन बीत जाने के बाद भी उनके द्वारा आर्डर की कोई जानकारी मुझको नहीं मिली फिर मैंने मर्चेंट राजोर पे कंपनी की आधिकारिक साइट पर मेल किया मेल करने के उपरांत कंपनी का जवाब आया और एक टिकट नंबर उपलब्ध कराया गया और कहा गया कि आपकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो जाएगा जिसकी सूचना आपको जल्द ही दी जाएगी उसके बाद और दिन बीत जाने के बाद जब मुझे कोई जवाब ना मिला तब मैंने मार्ट हब कंपनी की वेबसाइट से कस्टमर केयर का नंबर निकाला.
29 तारीख की शाम को 5:17 पर मैंने कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर बात की और अपनी समस्या बताया तब उन्होंने मुझे बताया कि आपका पेमेंट यहां पर शो कर रहा है लेकिन आप का एड्रेस वेरीफाई ना होने के कारण आपका ऑर्डर कैंसिल हो गया है और आपका पैसा रिफंड हो जाएगा रिफंड लेने के लिए मेरे दिए गए इंस्ट्रक्शन को फॉलो कीजिए मैंने उनके बताए गए निर्देशों का पालन किया पालन करने के बाद भी मेरे अकाउंट में पैसे नहीं आए उसके बाद कस्टमर केयर ने अपना पर्सनल नंबर दिया और बोला यह आपकी केवाईसी कंप्लीट ना होने की वजह से इस नंबर पर पेमेंट रिफंड नहीं हो पा रहा हैं. आप कोई दूसरा नंबर यूज कीजिए. फिर मैंने अपनी वाइफ का नंबर यूज़ किया. उन्होंने एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने को बोला मैंने एक रिंग नाम के एप्लीकेशन को डाउनलोड किया.
उसमें एक ओटीपी आई कस्टमर केयर द्वारा ओटीपी को पूछा गया और फिर ओटीपी बताते ही जो रिंग एप्लीकेशन डाउनलोड हुई थी. उस ऐप द्वारा 2000 का पर्सनल लोन मेरी वाइफ के नाम पर ही शुरू हो गया और तुरंत ही वह ₹2000 दो बार में पहला 500 दूसरा 1500 का पेमेंट जगदिसन चंद्रशेखर के नाम के व्यक्ति को पेमेंट हो गया.