ऋषिकेश : स्वर्गाश्रम में चन्दन के पेड़ काट कर ले गए तस्कर, हडकंप 

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ऋषिकेश :पल्ली पार यानी गंगा पार के इलाके को स्वर्गाश्रम का इलाका कहते हैं. ऐसे में स्वर्गाश्रम इलाके में लाल  चन्दन के पेड़ कट गए हैं. बताया जा रहा है दो पेड़ों पर आरी चली है. दो पेड़ काटे जाने की जो घटना हुई है वह कुटिया नंबर 14 और 65 के पास की है.  पेड़ों की उम्र लगभग  तीन  से चार  साल  बताई जा रही है.  बताया जा रहा है, एक ब्यक्ति छप्पर डाल कर भी वहां रहता था, उसको भी आभास नहीं हुआ. उसकी लाइट भी कट गयी पेड़ या टहनी गिरने से तार टूट गया,  फिर भी वह बताया जा रहा है बाहर नहीं आया. हालाँकि ट्रस्ट ने उसे बाद में वहां से रुक्सत कर दिया. घटना 17 जुलाई की बताई जा रही है. बारिश  के समय शायद तस्करों ने घटना को अंजाम दिया है. घटना का पता  18 जुलाई  को सुबह पता लगते ही पुलिस को भी सूचना दी गयी, वन विभाग भी पहुंचा. वन विभाग चन्दन के पेड़ होने की  तस्दीक कर चला गया.  इन पेड़ों को कठमाली चन्दन कहा जाता है. इन पेड़ों से   धूप, हवन सामिग्री, सैंट इत्यादि बनाने में  काफी मदद होती है.

अब स्वर्गाश्रम ट्रस्ट, वन विभाग, पुलिस सभी परेशान हैं.  खास बात चन्दन के पेड़ कटने के बाद क्या  कहें   ? क्या करें  वाली स्थित हो रही है. मुख्य गद्दी स्वर्गाश्रम में मौजूद वहां पर अधिकारी से  जब पेड़ काटने की बात पूछी गयी तो कहा गया कर्नल साहब बताएँगे.  कर्नल वी के के श्रीवास्तव (सेवा.)  मौजूद नहीं थे. लैंड लाइन नंबर दिया गया जब फ़ोन किया तो वह उठा नहीं.वहीं  पुलिस ने माना  इस मामले में  उनकी टीमें लगी हुई हैं. पुलिस का कहना है,  हम लोग गए थे मौके पर,  जब  हमें बताया गया पेड़ कटने के बारे में. वन विभाग की भी टीम पहुंची, तस्दीक करने के लिए की चन्दन के पेड़ ही हैं करके.  हालाँकि, पेड़  स्वर्गाश्रम ट्रस्ट की निजी प्रॉपर्टी है. लेकिन चन्दन का पेड़ स्पेशल श्रेणी में आता है. ऐसे में लकड़ी  काफी महँगी बिकती है और मार्किट में इसकी  मांग भी काफी है. माना जा रहा है,   ऐसे में स्वर्गाश्रम के अन्दर, से जहाँ पर तार बाड़ लगी हुई वहां से यह हो नहीं हो सकता,  बिन योजना के तहत पेड़  काटे जाएँ….ऐसा दुस्साहस  कोई  तस्कर ही कर सकता /सकते हैं. जिसको पता है चंदन के पेड़ हैं वहां पर और ऐसे समय पर काटना है…लक्ष्मण झूला  थाना अध्यक्ष  संतोष पैथवाल के मुताबिक मामले में  टीमें लगी हुई है. उम्मीद है केस वर्कआउट हो जायेगा. अभी कांवड़ यात्रा और चुनाव की वजह से टीमें ड्यूटी पर हैं. इससे फ्री होते ही उम्मीद है वर्कआउट होगा.  ट्रस्ट की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. वहां मौजूद जिम्मेदार अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड  माना जरुर,  ऐसी घटना हुई है. लेकिन यह कर इतिश्री कर दी, कर्नल साहब बताएँगे उनसे आप बात कर लीजियेगा. बताया जा रहा है,  इससे पहले भी चन्दन के पेड़   काटे जाने की घटना ५-६ वर्ष पहले हुई थी. तब वन विभाग के इलाके यानी जंगल से भी कई पेड़ काटे जाने की घटना सामने आयी थी.   इस   घटना के बाद,   कहीं न कहीं ट्रस्ट प्रॉपर्टी  की  सुरक्षा/ प्रबंधन  पर अब  सवाल जरुर खड़ा होता है.

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चन्दन का पेड़ –

भारतीय चंदन का संसार में सर्वोच्च स्थान है। इसका आर्थिक महत्व भी है। यह पेड़ मुख्यत: कर्नाटक के जंगलों में मिलता है तथा भारत के अन्य भागों में भी कहीं-कहीं पाया जाता है। भारत के 600 से लेकर 900 मीटर तक कुछ ऊँचे स्थल और मलयद्वीप इसके मूल स्थान हैं। इस पेड़ की ऊँचाई 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है..हालांकि चंदन की खेती निजी संपत्ति पर की जा सकती है, लेकिन इसे काटना और बेचना अभी भी सरकारी नियमों के अधीन है. भारत में, चंदन के पेड़ को सरकारी संपत्ति माना जाता है, और इसे काटने या उपयोग करने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होती है.  यह एक valuable species है. 

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