हरिद्वार में RSS के १०० वर्ष पूर्ण होने पर संत संगोष्ठी का आयोजन, भैया जी जोशी भी रहे मौजूद


- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण #RSS100Years होने पर संत संगोष्ठी #SantSangoshthi का आयोजन
- वरिष्ठ संघी, सुरेश उपाख्य भैयाजी जोशी#BhaiyajiJoshi की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित
- परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती , योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव, #SwamiRamdev Ji, पूज्य स्वामी राजराजेश्वरानंद , #Rajrajeshwaranand Ji, पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, #SwamiHarichetananand Ji, पूज्य स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश , #SwamiRupendraPrakash Ji, पूज्य स्वामी ललितानंद #SwamiLalitanand सहित अनेक पूज्य संतों का पावन सान्निध्य
हरिद्वार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित इस विशेष संत संगोष्ठी में संघ की सौ वर्षों की अद्भुत यात्रा और योगदान को श्रद्धा के साथ याद किया गया। आदरणीय डॉ. हेडगेवार द्वारा 1925 में प्रज्वलित की गई छोटी ज्योति आज विश्वव्यापी प्रकाश पुंज बन चुकी है। संघ भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय चेतना का अक्षयवट है, जिसने समाज को एकता, सेवा और संस्कार का अमृत दिया।कार्यक्रम में यह भी रेखांकित किया गया कि संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि एक जीवंत धरोहर है, जिसने भारतवासियों को उनकी जड़ों से जोड़ा। शाखाओं और विद्यालयों के माध्यम से संघ ने अनुशासन, संस्कार और राष्ट्रभावना के बीज रोप कर करोड़ों युवाओं को अपने मूल से जोड़ा।
संतों ने संघ के स्वयंसेवकों के निःस्वार्थ योगदान की सराहना की, जिन्होंने हर संकट – 2001 का गुजरात भूकंप, 2013 की केदारनाथ त्रासदी, वैश्विक महामारी और प्राकृतिक आपदाओं में अग्रिम पंक्ति में सेवा की। उनकी सेवा ही जीवन का यज्ञ है।संगोष्ठी में यह भी स्पष्ट किया गया कि संघ का हिन्दूत्व मानवता के कल्याण का मार्ग है, संकीर्णता नहीं। संघ वसुधैव कुटुम्बकम् की व्यापक चेतना का वाहक है। आज जब भारत विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहा है, संघ का योगदान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर उन लाखों स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने अपने जीवन को “इदम् राष्ट्राय इदम् न मम्” की भावना से राष्ट्र और मानवता की सेवा में समर्पित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रभक्ति और सेवा की भावना से हुआ।जिला संचालक हरिद्वार डा. यतीन्द्र नागयान, धार्मिक श्रेणी प्रमुख, सम्पर्क विभाग हरिद्वार श्री स्वामी साधनानंद और पूरी टीम ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।




