मुनि की रेती : प्राचीन लक्ष्मण मंदिर तपोवन में संत सम्मेलन आयोजित, महंत जगदीश  प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में

Ad
ख़बर शेयर करें -
  • जब-जब धर्म की हानि होती है तब तब प्रभु  संतों के रूप में या किसी न किसी रूप में अवतरित होकर अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए प्रकट हो जाते हैं -द्वाराचार्य जगद्गुरु स्वामी दयाराम दास महाराज
  • राम लक्ष्मण और सीता जैसा समर्पण भाव करें जागृत -महामंडलेश्वर ईश्वर दास जी महाराज
  • प्राचीन लक्ष्मण मंदिर  के महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा लिखित प्राचीन लक्ष्मण मंदिर इतिहास पुस्तिका का विमोचन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया
प्राचीन श्री लक्ष्मण मंदिर, तपोवन

मुनि की रेती/ऋषिकेश : (मनोज रौतेला)  प्राचीन लक्ष्मण मंदिर तपोवन में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया प्राचीन लक्ष्मण मंदिर से संतो ने चरण पादुका लेकर महंत जगदीश  प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में नगर क्षेत्र में शोभायात्रा निकाली गई बैंड बाजे  ऋषि  कुमारों  की ओर से स्वस्तिवाचन और पुष्प वर्षा के साथ सुबह यात्रा लक्ष्मण झूला स्थित लक्ष्मण घाट के गंगा किनारे पहुंची,  जहां चरण पादुका का पूजन कर यात्रा दोबारा लक्ष्मण मंदिर पहुंची.  द्वाराचार्य जगद्गुरु स्वामी दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में  संत सम्मेलन हुआ.  जिसमें सभी मठ मंदिरों के श्री महंत जगतगुरु महामंडलेश्वर सम्मेलन में उपस्थित रहे. इस दौरान,   द्वाराचार्य जगतगुरु स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब तब प्रभु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए प्रकट हो जाते हैं.  इस प्रकार कलयुग में भी संतों के रूप में भगवान स्वयं अपने भक्तों को  सद मार्ग में लगाने के लिए संतों के द्वारा प्रेरणा देने चले आते हैं. उनका  सद मार्ग में लगाकर उनका सेवा भाव समर्पण का रास्ता दिखाते हैं.

ALSO READ:  जामनगर में एयरफोर्स का जगुआर फाइटर जेट क्रैश, एक ट्रेनी पायलट की मौत दूसरा बचाया गया
oppo_2
महामंडलेश्वर ईश्वर दास  महाराज ने इस अवसर पर  कहा जिस प्रकार प्रभु श्री राम ने अपना राज पाठ सब त्याग कर लक्ष्मण सीता के साथ वन को चले गए. उन्होंने गुरु परंपरा का निर्वाह करते हुए राक्षसों का वध कर मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए. हमें भी राम लक्ष्मण और सीता मैया जैसी सेवा भाव समर्पण अपने अंदर आना है. पुनः राम राज्य  स्थापित करना है. हमारे भारत ही नहीं पूरे विश्व में जहां-जहां प्राचीन मठ मंदिर हैं.  उनकी रक्षा हम सनातनियों को करनी होगी. जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी हमारे पुराने संस्कारों को भूले नहीं. उसको फली भूत करते हुए उस मार्ग में चले. ऋषिकेश स्थित   तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि  प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि प्राचीन लक्ष्मण मंदिर के पुनर्जीवित इतिहास को महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा लिखित प्राचीन लक्ष्मण मंदिर इतिहास पुस्तिका का विमोचन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया. यह हर्ष का विषय है. इससे आने वाली पीढ़ी को ज्ञान मिलेगा. इस दौरान,  जिसमें द्वाराचार्य जगतगुरु स्वामी दयाराम दास महाराज महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास  महाराज महंत श्री  गोपालाचार्य महाराज  महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज महंत मनोज प्रपन्नाचार्य स्वामी के केशव स्वरूप ब्रह्मचारी तपोवन नगर पालिका अध्यक्ष विनीता बिष्ट नंदू भंडारी अशोक शर्मा महंत गोपाल शर्मा दिनेश शर्मा विपिन शर्मा मनीष शर्मा अंशुल शर्मा महंत निर्मल दास रविंद्र दास  सुभाष डोभाल रामाबल्लभ भट्ट,आशुतोष शर्मा,   जगदीश भट्ट,  लेखराज भंडारी आदि  उपस्थित थे.

Related Articles

हिन्दी English