मुनि की रेती : संतों ने की बैठक चारधाम यात्रा में यात्रियों को रही समस्या को लेकर बोले सरकार गंभीरता से काम करे,यात्री भी सहयोग करें

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मुनि की रेती :  ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली आश्रम में  विरक्त वैष्णो मंडल समिति एवं अखिल भारतीय संत समिति द्वारा  बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास  महाराज ने की. बैठक का संचालन तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने किया. इस दौरान सभी संतों ने सरकार को  नसीहत देते हुए कहा,  सरकार गंभीरता से कम करे साथ ही यात्रियों से भी आपील की वे सरकार और स्थानीय लोगों का सहयोग करें.
मई/जून माह में हो रही यात्रियों को चार धाम जाने में दिक्कत एवं गर्मी के प्रकोप से यात्रियों में यात्रा के प्रति उत्साह नहीं गुस्सा दिख रहा है. इसी के मद्देनजर   संत समाज में एक बैठक का आयोजन किया गया.बैठक में विरक्त वैष्णो मंडल  के  महामंत्री महामंडलेश्वर ईश्वर दास  महाराज ने कहा कि यात्रा के दौरान हो रही यात्रियों को   परेशानी  का सामना करना पड़ रहा है. यात्रा में  अपार भीड़ देखते हुए विरक्त वैष्णो मंडल समिति ने कहा कि चार धाम जाने वाले यात्रियों  को किसी भी प्रकार की परेशानियां न हो जिससे कि हमारा उत्तराखंड का नाम खराब  न हो,  इसीलिए संत समाज ने  अपने-अपने मठ मंदिरों में भोजन आवास एवं जगह-जगह रास्तों पर आश्रमों के माध्यम से  प्याऊ की व्यवस्था भी की गई है. जिससे धूप में यात्री बिना पानी  भोजन से वंचित न रह जाए. इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास  महाराज ने कहा कि यात्रियों को स्वच्छता का भी विशेष ध्यान देना चाहिए. यात्रा के दौरान जगह-जगह गंदगी ना की जाए. यात्री धैर्य के साथ यात्रा करें. साथ ही गंगा एवं पर्यावरण संरक्षण की रक्षा के लिए हर एक व्यक्ति आगे आए.
चार धाम यात्रा में पैदल जाने वाले यात्रियों के लिए मठ मंदिरों में विशेष व्यवस्था की जा रही है. जिसे यात्री  वहां रुक कर भजन,  आराम कर सके और आगे की यात्रा सुचारू रूप से  आरंभ कर सकें. ब्रह्मपुरी आश्रम में सभी संतों ने गंगा की स्वच्छता, अखंडता एवं निर्मलता को सदैव बनाने का भी संकल्प लिया.  संतों ने यात्रियों से अपील की गंगा को प्रदूषित न करें. उसमें कपड़े मल मूत्र एवं साबुन का उपयोग ना करें. उसको पवित्र बनाए रखें. इस अवसर पर महामंडलेश्वर दयाराम दास  महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महंत स्वामी चक्रपाणि दास, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महामंडलेश्वर भारत भूषण दास महाराज, महंत प्रमोद दास, महंत महावीर दास, स्वामी आलोक हरि, महाराज निर्मल दास, रविंदर दास, कन्हैया दास, श्यामसुंदर दास आदि संत उपस्थित रहे.

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