ऋषिकेश में तिरंगा यात्रा में शमिल हुए संत, भारत माता की जयघोष के साथ निकली नगर में यात्रा

- तिरंगा यात्रा में सम्मिलित हुआ विरक्त वैष्णो मंडल समिति अखिल भारतीय संत समिति ने महामंडलेश्वर जगतगुरु श्री महंतो ने जय कारों के साथ भारत माता की जय घोष के नारे लगाए

स्वामी द्वाराचार्य जगतगुरु स्वामी दयाराम महाराज ने कहा कि राष्ट्र है तो हम है, हमारी पहचान है और हमारा अस्तित्व है। भारतवर्ष एक ऐसा राष्ट्र है जिसकी मिट्टी में बलिदान की सुगंध और हवा में देशभक्ति की गूंज बसी हुई है। जब-जब वतन पर संकट आया है, तब-तब हमारी सेना ने अपने अदम्य साहस, अनुशासन और समर्पण से देश की अस्मिता की रक्षा की है। देश में चाहे कोई राजनीतिक संकट हो, सामाजिक उथल-पुथल हो या सरहदों पर दुश्मन की नापाक नजर हो हर बार सबसे पहले जो आगे आते हैं, वो सैनिक जो न तो किसी विशेष दल के हैं, न किसी मजहब या जाति के। उनका एक ही धर्म होता है वतन की सेवा। उनका एक ही मिशन होता है भारत माता की रक्षा। उनका जीवन अनुशासन, त्याग और आत्मबलिदान की मिसाल है। तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य ने कहा कि सरहद पर खड़ा जवान, उनकी आँखें हमेशा जागती रहती है ताकि ये देश और देशवासी चैन की नींद सो सके। आज जब हम अपने घरों में सुरक्षित है, तो यह नहीं भूलना , और कोई कश्मीर की घाटियों में देश की हिफाजत कर रहा है।, हम अपने वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें, जो अपने जीवन को समर्पित कर राष्ट्र की रक्षा में सदैव तत्पर रहते हैं। उनकी निःस्वार्थ सेवा ही हमारी स्वतंत्रता, अखंडता और गौरव का आधार है। जब राष्ट्र संकट में हो, तब हर व्यक्ति को अपना आराम, अधिकार और अहंकार त्यागकर राष्ट्र धर्म निभाना चाहिए।