ऋषिकेश : “है ईको सेंसेटिव जोन” और दे दी रिवर ड्रेजिंग की अनुमति ! ग्रामीणों के विरोध के बाद बैरंग लौटी खनन विभाग की टीम

साहबनगर स्थित सौंग नदी में खनन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण  एकत्रित हो गए और भारी विरोध जताया

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रायवाला/ऋषीकेश : कई बार फैसले ऐसे हो जाते हैं जब सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता है और ऐसे में आवाम का विरोध झेलना पड़ता है और ऊपर से तब…जब एक सरकारी विभाग भी अवाम के साथ हो।क्योँकि उस विभाग से पूछा तक नहीं गया था। वही हुआ। मामला रायवाला के पास का साहब नगर से लगा हुआ है। बैरंग लौटना पड़ा खनन विभाग की टीम को.
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दरअसल, रेल परियोजना निर्माण कार्य के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने साहबनगर के पास राजाजी पार्क के ईको सेंसेटिव जोन के समीप  सौंग नदी में रिवर ड्रेजिंग की अनुमति दे दी है। बताया गया, रिवर ड्रेजिंग कार्य के लिए राजाजी पार्क प्रशासन से अनापत्ति (NOC) भी नहीं ली गयी है।
सोमवार को साहबनगर स्थित सौंग नदी में रिवर ड्रेजिंग के लिए खनन क्षेत्र की निशानदेही के लिए सरकारी अमला पहुंचा। तहसील व खानन विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध और राजाजी पार्क प्रशासन की सख्त आपत्ति के बाद बैरंग लौटना पड़ा है। आपको बता दें रेल विकास निगम के अनुबंधित ठेकेदार फर्म मैक्स एसईएस (जेसी) को परियोजना निर्माण कार्यों के लिए खनिज की आपूर्ति  को कत्यानी एनसीआर 102 वेस्टर्न एवेन्यू सैनिक फार्म नई दिल्ली को उप खनिज (आरबीएम) की निकासी की अनुमति जारी की गई है। इसके लिए प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून, सिंचाई विभाग, भूवैज्ञानिक व जिला खनन अधिकारी की संयुक्त टीम को खनिज स्थल, खनिज की मात्रा और रायल्टी के निर्धारण  कि जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
लेकिन जिस स्थान का चयन खनन अथवा ड्रेजिंग के लिए किया किया गया है वह राजाजी पार्क के ईको सेंसेटिव जोन में आता है। चौकानें वाली बात यह है कि टीम ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी। मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेंद्र गिरि गोस्वामी ने बताया कि सौंग नदी में खनन कार्य के लिए निशानदेही  कर रही टीम के पास राजाजी पार्क का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं है। नदी क्षेत्र की वजह से सीमाएं भी स्पष्ट नहीं हैं, लिहाजा संयुक्त सर्वे जरूरी है। तीसरा यह कि उक्त क्षेत्र ईको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत है, नियमानुसार वहां रिवर ड्रेजिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती। फिलहाल काम बंद करवा दिया गया है।
ग्रामीणों ने जताया भारी विरोध:
साहबनगर स्थित सौंग नदी में खनन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण  एकत्रित हो गए और भारी विरोध जताया। ग्राम प्रधान ध्यान सिंह असवाल ने बताया कि एक तरफ पार्क क्षेत्र बताकर गांव के बाढ़ सुरक्षा कार्य में अड़चन पैदा की जाती है। वहीं दूसरी तरफ  प्रशासन खनन कराने पर उतारू है। रिवर ड्रेजिंग से नदी का रुख गांव की तरफ हो जाएगा और आने वाली बरसात में बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा।खनन के लिए ग्राम पंचायत को पूर्व सूचना भी नहीं दी गयी है।
वही तहसीलदार डा. अमृता शर्मा का कहना है कि “उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति के तहत राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के लिए उपखनिज की आपूर्ति के लिए ड्रेजिंग कार्य की अनुमति देने का प्रावधान है। रिवर ड्रेजिंग नीति के अनुरूप ही आरबीएम उपखनीज चुगान की अनुमति दी गयी है”.

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