ऋषिकेश : प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अनिल कपूर और विख्यात फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर ने परमार्थ में हवन यज्ञ में समर्पित की आहूतियां

- प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अनिल कपूर और विख्यात फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर ने परमार्थ निकेतन के आध्यात्मिक वातावरण में रात्रि विश्राम कर शान्ति व सुकून दुर्लभ क्षणों का किया अनुभव
- स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के पावन सान्निध्य में समर्पित की विश्व शान्ति यज्ञ में आहुतियाँ
- माँ गंगा का पूजन-अर्चन कर माता निर्मल कपूर, पूरे कपूर परिवार और विश्व शान्ति हेतु प्रार्थना
- परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों को भावपूर्वक कराया भोजन
- माँ गंगा के अनुपम दृश्यों को देखकर अनिल कपूर और बोनी कपूर हुये अभिभूत
- अनिल कपूर व बोनी कपूर ने अपने माता-पिता की याद में परमार्थ प्रांगण में किया रूद्राक्ष के पौधे का रोपण
- स्वामी ने रूद्राक्ष का पौधा हिमालय की हरित भेंट स्वरूप किया भेंट


अनिल कपूर ने परमार्थ निकेतन के संपूर्ण अनुभव को आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मिक शांति से भरपूर बताते हुए कहा कि परमार्थ निकेतन का यह दिव्य स्थल केवल एक आश्रम नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक धाम है जहाँ आत्मा को विश्राम मिलता है और जीवन की आपाधापी में खोया हुआ सच्चा आनंद पुनः प्राप्त होता है। बोनी कपूर ने अपने भावों को प्रकट करते हुए कहा कि परमार्थ निकेतन की पवित्रता, गंगा तट की दिव्यता और स्वामी का मार्गदर्शन, इन सबसे हमें वह शक्ति और प्रेरणा मिली है जो हमारे जीवन को नई दिशा देने में सहायक होगी।गंगा तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के साथ दोनों कपूर भाईयों ने माँ गंगा का पूजन-अर्चन किया और नदियों, प्रकृति और पृथ्वी के संरक्षण हेतु संकल्प लिया। पूज्य माता निर्मल कपूर व पूरे परिवार की सुख शान्ति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की।इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों को प्रेमपूर्वक भोजन कराया। ऋषिकुमारों की मासूम मुस्कान और उनका आत्मिक आचरण देखकर अनिल कपूर भावुक हो उठे और कहा कि इन बच्चों में ही भविष्य की संस्कृति और संस्कार का बीज छिपा है। यह दृश्य मेरे जीवन के सबसे पवित्र अनुभवों में से एक रहेगा।माँ गंगा के दर्शन कर अनिल कपूर और बोनी कपूर अभिभूत हो उठे। गंगा की दिव्यता, मंत्रों की गूंज और गंगा तट की प्राकृतिक छटा ने उन्हें एक अलग ही ऊर्जा से भर दिया। परमार्थ प्रांगण में दोनों भाइयों ने पूज्य स्वामी के साथ मिलकर एक रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। यह पौधा उन्हें हिमालय की हरित आभा और पर्यावरण सन्देश के रूप में भेंट किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने इस अवसर पर कहा, रूद्राक्ष न केवल पर्यावरण के लिए वरदान है, बल्कि यह हमारे भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जब फिल्म और कला जगत से जुड़े महान व्यक्तित्व प्रकृति संरक्षण का संदेश देते हैं, तो वह समाज में गहरी प्रेरणा का कार्य करता है।