ऋषिकेश : वैदिक ब्राह्मण महासभा के द्वारा ऋषि पंचमी पर्व मनाया गया

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  • ऋषि पंचमी  पर्व सनातन धर्म का मूल पर्व है, गृहस्थ जीवन में  होने वाले ज्ञात अज्ञात पापों के प्रायश्चित हेतु ऋषि पंचमी का व्रत भी करते है: मायाराम रतूड़ी 
  • ऋषि पंचमी का महत्व सनातन संस्कृति में हमेशा से विशेष रहा है जो कि सनातन धर्म में गोत्र परंपरा में भी देखी जा सकती है : केशव स्वरुप ब्रह्मचारी 
ऋषिकेश :  गुरूवार को  वैदिक ब्राह्मण महासभा के द्वारा ऋषि पंचमी के पावन पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया.जिसमें उपस्थित वैदिक ब्राह्मण महासभा के समस्त सदस्यों सहित समस्त ब्राह्मण समाज उपस्थित रहा ।सप्त ऋषि पूजन के साथ ही प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं में हुतात्माओं की आत्म शांति हेतु सामूहिक विष्णु सहस्रनाम पाठ किया गया उस अवसर पर मायाराम रतूड़ी  ने ऋषि पंचमी का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व सनातन धर्म का मूल पर्व है गृहस्थ जीवन  में होने वाले ज्ञात अज्ञात पापों के प्रायश्चित हेतु ऋषि पंचमी का व्रत भी करते है.
पूज्यश्री केशव स्वरूप ब्रह्मचारी जी ने कहा कि ऋषि पंचमी का महत्व सनातन संस्कृति में हमेशा से विशेष रहा है जो कि सनातन धर्म में गोत्र परंपरा में भी देखी जा सकती है।इस अवसर पर अनेक विद्वानों ने अपने ओजस्वी वक्तव्य से सनातन की परंपराओं के विषय में बताया ।वैदिक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष  जगमोहन मिश्रा  ने कहा कि वैदिक ब्राह्मण महासभा समय समय पर सनातन की परंपराओं को जन जन पहुंचने हेतु इस प्रकार के सामूहिक आयोजन करती रहती है ।इस अवसर पर डॉक्टर जनार्दन प्रसाद कैरवान  गंगाराम व्यास,  मनीराम पैन्यूली,  सूर्यप्रकाश रतूड़ी,  नवीन भट्ट,  मनोहर पांडे, दिनेश तिवारी,  देवेंद्र बहुखंडी,  ललित त्रिपाठी, हर्षमनी पैन्यूली,  शिवस्वरूप नौटियाल,   जितेंद्र भट्ट,  श्याम भट्ट,  विजय जुगलान, मोहित भट्ट,  प्रकाश नौटियाल,  सुबोध बमौला,  संदीप भार्गव,  शिवानंद लसियाल,  भवानी कॉलोनी, नीलकंठ भट्ट,  मुकेश थपलियाल, भानु बंगवाल,  विकी बंगवाल, पारस,ज्योति भट्ट, शंकर भट्ट,शिवम् सिलसवाल,गोविंद शर्मा,दुर्गा लेखक, सुनीता पैन्यूली,जगदीश जोशी,जगमोहन मिश्रा,शिव प्रसाद सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

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