ऋषिकेश : राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ, कई राज्यों से 140 प्रतिभागियों ने की शिरकत

कार्यशाला में उत्तराखंड के अलावा हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कलकत्ता, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों से 140 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया

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ऋषिकेश : आज ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, (UCOST) देहरादून द्वारा प्रायोजित, पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग, स्पेक्स संस्था देहरादून व DNA लैब, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में विश्व टी. बी. दिवस के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का विषय Expansions and Innovations in Health Sectors : Translating Research to Mankind था. कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन.पी. माहेश्वरी, भूतपूर्व उच्च शिक्षा निदेशक, व विशिष्ट अतिथि सीमा डेंटल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ हिमांशु ऐरन, विश्वविद्यालय परिसर के प्राचार्य प्रो पंकज पंत, प्रो. दिनेश चंद्र गोश्वामी, डीन कला संकाय, डॉ नरोत्तम शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएनए लैब व कार्यशाला के आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा सामुहिक रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन कर किया गया। MLT की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत का उचारण किया गया एव सभी गणमान्यों का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया ।उसके पश्यात आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी गणमान्य का स्वागत एवं परिचय किया व कहा कि आज के युग में सैधांतिक ज्ञान के साथ साथ प्रयोगात्मक ज्ञान की अत्यंत आवश्यकता हो गई है इसलिए यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।

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विशिष्ट अतिथि प्रो दिनेश चंद्र गोश्वामी, डीन कला संकाय ने एक धटना के माध्यम से कार्यशाला एवं संगोष्ठी की महत्वा को बताया।डीएनए लैब के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि कोविड 19 व tuberculosis के परिपेक्ष्य में समाज व पैरामेडिकल युवा हमारी नवीनतम तकनीकियों से अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें। कार्यशाला में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग एवं नवीनतम तकनीकी द्वारा, बायोमेडिकल, पैरामेडिकल क्षेत्र के प्रतिभागियो को प्रशिक्षण दिया जायेगा। विशिष्ट अतिथि सीमा डेंटल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ हिमांशु ऐरन ने हैंड्स ऑन ट्रेनिंग एवं एप्लीकेशन की महता पर जोर दिया व उन्होंने अपने संस्थान में पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम जी के आने के संस्मरण साझा किये. विश्वविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया व उन्होंने हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र में कमियों व चुनोतियों के बारे में अवगत कराते हुए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने व निरंतर अन्तराल पर स्वास्थ्य जाँच करने को कहा।इसके बाद प्रोफेसर माहेश्वरी ने कहा कि देश की 135 करोड़ जनसँख्या में 1445 लोगों पर एक डॉ .है उन्होंने tuberculosis पर विस्तृत जानकारी साझा की।उसके बाद सभी अतिथियों को प्रशस्ति पत्र व स्म्रति चिन्ह भेंट किया।कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सेशन में प्रतिभागियों को बायोसेफ्टी लैब एवं डीएनए आइसोलेशन एवं आरटी पीसीआर आदि उपकरणों को रूबरू व जानकारी दी गई व प्रशिक्षण दिया गया। मिस अंकिता सिंह, व मिस्टर तेजस जूनियर साइंटिस्ट ने RT PCR, Master Mixture Preparation for DNA Isolation Processing के बारे में बताया।कार्यशाला के द्वितीय सत्र में विभिन्न संस्थानों से आये प्रतिभागियों के पोस्टर प्रेजेंटेशन व ओरल पेपर प्रेजेंटेशन हुए, जिसमे स्नातक सत्र से 11 पोस्टर व 02 ओरल पेपर प्रेजेंटेशन, स्नातकोतर सत्र से 05 पोस्टर व 09 ओरल पेपर प्रेजेंटेशन, शोधार्थी/फैकल्टी सत्र से 04 पोस्टर व 13 ओरल पेपर प्रेजेंटेशन हुए, इस सत्र में प्रो वी डी पांडेय, डॉ परवेज अहमद, डॉ ज्ञानेंद्र अवस्थी, डॉ एस के कुडियाल, डॉ ज्ञानेंद्र अवस्थी निर्णायक थे इसमें सभी श्रेणियों में तीन उत्कृष्ठ प्रेजेंटेशन को समापन सत्र पुरुस्कार प्रदान किया जायेगा।इस कार्यशाला में उत्तराखंड के अलावा हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, कलकत्ता, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों से 140 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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कार्यशाला का संचालन सफ़िया हसन ने किया। इस मौके पर प्रो. डीकेपी चौधरी, डॉ नवीन शर्मा, डॉ इंदु तिवारी, शालिनी कोटियाल, देवेंद्र भट्ट, अर्जुन पालीवाल, नवीन कुमार, नरेश सिंह आदि मौजूद थे।

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